बुलंदशहर NEWS : अनाथ बच्चियों के घर गरजा पंचायत का बुलडोज़र,
बुलंदशहर
संवाददाता:अमित सक्सेना
औरंगाबाद नगर पंचायत के ईओ ने एक विवादास्पद कदम उठाते हुए अनाथ बच्चियों के घर पर बुलडोज़र चला दिया। इन बच्चियों का कोई माता-पिता नहीं है, और वे अपनी जीविका के लिए अपने घर के पास एक चाय की दुकान चलाती थीं। ईओ ने न केवल उनके घर को गिराया बल्कि उनकी चाय की दुकान को भी जमींदोज कर दिया। इस कार्रवाई के बाद बच्चियां ठंडी रातों में खुले आसमान के नीचे जीने को मजबूर हो गई हैं।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया था
कि बिना नोटिस जारी किए किसी भी संपत्ति पर बुलडोज़र कार्रवाई नहीं की जाए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी अधिकारियों को चेतावनी दी थी कि किसी गरीब के घर पर बुलडोज़र तब तक न चलाया जाए जब तक उनकी वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की जाती। इसके बावजूद, औरंगाबाद के ईओ ने इन निर्देशों की अवहेलना करते हुए, बिना नोटिस के अनाथ बच्चियों के घर और दुकान पर बुलडोज़र चला दिया।
पिछले कई दशकों से इन बच्चियों का परिवार इस मकान में रह रहा था,
और उनके घर की वैधता के लिए राजस्व की धारा 67(A) भी लागू थी, जो सरकारी मशीनरी को ऐसे मामलों में बेदखल करने से रोकती है। मकान और दुकान टूटने के बाद, बच्चियां रोते-रोते एसडीएम सदर से मिलने पहुंची और अपनी समस्या बताई। उन्होंने न्याय की गुहार लगाई और उम्मीद जताई कि एसडीएम उनकी मदद करेंगे। एसडीएम ने उन्हें न्याय का आश्वासन दिया है, लेकिन पूरे कस्बे में इस कार्रवाई के खिलाफ रोष का माहौल है।
स्थानीय लोग भी इस घटना की निंदा कर रहे हैं, और यह सवाल उठा रहे हैं कि एक निर्दोष और जरूरतमंद परिवार के खिलाफ ऐसा कदम कैसे उठाया जा सकता है। पीड़ितों का कहना है कि यह कार्रवाई न केवल उनके घर और दुकान को नुकसान पहुंचाती है, बल्कि उनके जीने के अधिकार को भी छीनती है।