बागपत NEWS : जिलाधिकारी ने किया अलाव और रैन बसेरा का निरीक्षण

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बागपत

संवाददाता : प्रदीप पांचल

शीत ऋतु की बढ़ती ठंड को देखते हुए जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने मंगलवार रात्रि गौरीपुर चौराहे पर अलाव व्यवस्था का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने रैन बसेरा का भी निरीक्षण किया, जो गौरीपुर के पंचायत घर में स्थित है। ठंड से राहत के लिए प्रशासन की ओर से की जा रही तैयारियों का जायजा लेने के लिए जिलाधिकारी ने यह विशेष निरीक्षण किया। उनका उद्देश्य था कि ठंड के मौसम में कोई भी व्यक्ति बिना राहत के न रहे, और हर संभव प्रयास किया जाए ताकि गरीब और जरूरतमंद लोग ठंड से बच सकें।

अलाव जलाने की व्यवस्था का निरीक्षण

रात्रि के समय जब ठंड अपने चरम पर थी, जिलाधिकारी ने गौरीपुर चौराहे पर पहुंचकर वहां जलाए जा रहे अलावों की व्यवस्था का निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने देखा कि अलाव ठीक तरह से जल रहे हैं और लोगों को ठंड से राहत मिल रही है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों से कहा कि अलाव की संख्या बढ़ाई जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। ठंड में ऐसे अलाव बेहद महत्वपूर्ण होते हैं, क्योंकि यह लोगों को न केवल शारीरिक राहत देते हैं बल्कि मानसिक रूप से भी सुकून प्रदान करते हैं।

रैन बसेरे का निरीक्षण और सुधार के निर्देश

इसके बाद जिलाधिकारी ने गौरीपुर के पंचायत घर में स्थित रैन बसेरे का भी निरीक्षण किया। रैन बसेरे में जरूरतमंद लोगों के ठहरने और ठंड से बचने के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। जिलाधिकारी ने रैन बसेरे में मौजूद बिस्तर, कंबल और स्वच्छता की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि रैन बसेरे में किसी भी प्रकार की कमी न रहे, और जरूरतमंदों को अधिकतम सुविधा मिले। बिस्तरों की संख्या बढ़ाने, कंबल की स्थिति सुधारने, और स्वच्छता के स्तर को बनाए रखने के लिए जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।

जिलाधिकारी ने यह भी कहा कि प्रशासन का मुख्य उद्देश्य है कि ठंड के मौसम में किसी भी व्यक्ति को कोई परेशानी न हो और उन्हें पर्याप्त राहत मिले। इस प्रकार के रैन बसेरे ठंड के दिनों में एक महत्वपूर्ण सहारा बनते हैं, जहां गरीब और बेघर लोग रात बिता सकते हैं और ठंड से बच सकते हैं।

निवासियों से अपील

निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने स्थानीय निवासियों से भी अपील की कि वे इस ठंड में जरूरतमंद लोगों को रैन बसेरे और अलाव की जानकारी दें ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सकें। उन्होंने यह भी कहा कि ठंड से बचने के लिए यह जरूरी है कि समाज के सभी वर्गों को एक साथ आकर ऐसे प्रयासों में सहयोग करें। जिलाधिकारी ने स्थानीय निवासियों को यह समझाने की कोशिश की कि ठंड के मौसम में सभी का कर्तव्य है कि वे एक-दूसरे की मदद करें और कोई भी व्यक्ति असहाय न रहे।

अधिकारियों की उपस्थिति और सराहना

निरीक्षण के दौरान संबंधित विभागों के अधिकारी भी जिलाधिकारी के साथ थे और उन्होंने व्यवस्थाओं का विस्तार से निरीक्षण किया। जिलाधिकारी के इस कदम की स्थानीय लोगों ने सराहना की और कहा कि ऐसे प्रयासों से ठंड में उन्हें बहुत राहत मिल रही है। यह पहल निश्चित रूप से गरीब और जरूरतमंद लोगों के लिए सहारा बन रही है।

स्थानीय लोगों ने जिलाधिकारी के इस पहल को सकारात्मक रूप से स्वीकार किया और कहा कि प्रशासन की ओर से इस तरह की मदद लोगों के लिए एक उम्मीद की किरण बनकर आई है। रैन बसेरे और अलाव की व्यवस्थाएं ठंड के मौसम में बेहद अहम होती हैं, और इस तरह के कदम से प्रशासन की संवेदनशीलता और तत्परता का भी पता चलता है।

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