अलीगढ़ NEWS : गोल्ड मोहर गुटखा की काला बाजारी से दुकानदार परेशान, थोक व्यापारी उठा रहे लाभ
News24Yard News Desk 12/12/2024गोल्ड मोहर गुटखा की काला बाजारी ने छोटे दुकानदारों को भारी परेशान कर रखा है। प्रशासन की लापरवाही और थोक व्यापारियों के काले कारोबार ने इस समस्या को और बढ़ा दिया है।
इगलास में गोल्ड मोहर गुटखा की काला बाजारी से दुकानदार परेशान, थोक व्यापारी उठा रहे लाभ
इगलास नगर और आस-पास के कस्बे और ग्रामीण क्षेत्रों में गोल्ड मोहर गुटखा की काला बाजारी ने दुकानदारों को परेशान कर रखा है। छोटे दुकानदारों का कहना है कि थोक व्यापारी गुटखा के दामों में मनमाना बढ़ोतरी करके (ब्लैक) उसे उन्हें बेच रहे हैं। इसके कारण छोटे दुकानदारों को ग्राहकों को अधिक दामों पर गुटखा बेचना पड़ रहा है, और इस काले कारोबार की वजह से गोल्ड मोहर गुटखा की उपलब्धता भी कम हो गई है। यह स्थिति हर साल होती है, लेकिन इस बार यह और भी ज्यादा बढ़ गई है। सवाल यह उठता है कि गोल्ड मोहर गुटखा की काला बाजारी क्यों हो रही है?
थोक व्यापारी छोटे दुकानदारों को परेशान कर रहे हैं
इगलास नगर के छोटे दुकानदारों के मुताबिक, गोल्ड मोहर गुटखा की सप्लाई थोक व्यापारियों द्वारा नियंत्रित की जाती है। इगलास में प्रमुख थोक व्यापारी जैसे हरस्वरूप अग्रवाल, सतीश चन्द्र उर्फ मौसा और जगदीश प्रसाद, जो गुटखा और पान मसाले के कारोबार से जुड़े हुए हैं, जब भी इन्हें यह लगता है कि गुटखा की सप्लाई में कमी हो सकती है, तो ये व्यापारी छोटे दुकानदारों को माल देना बंद कर देते हैं। इसके बदले, इन थोक व्यापारियों द्वारा गुटखा को ग्रामीण क्षेत्रों के दुकानदारों को औने-पौने दामों में बेचा जाता है। इसके कारण इगलास में गोल्ड मोहर गुटखा की उपलब्धता बेहद कम हो जाती है, और जो भी मिलता है, उसे अधिक कीमतों पर बेचना पड़ता है।
कोरोना काल में हुई थी काला बाजारी
इस काले कारोबार का सिलसिला केवल अब नहीं बल्कि कोरोना काल में भी देखा गया था। लॉकडाउन के दौरान गुटखा और पान मसाले पर भी काला बाजारी हुई थी। बताया जाता है कि पांच रुपये का गुटखा पैकेट लॉकडाउन के दौरान 30 से 40 रुपये तक बिकने लगा था। यह भी सामने आया कि थोक व्यापारी गुटखा के पैकेट को 500 से 700 रुपये तक बेच रहे थे, जबकि छोटे दुकानदारों को जो माल दिया जाना चाहिए था, वह उन्हें नहीं मिला। एक तरह से ये व्यापारी खुद ही पूरा माल बेचकर मोटा मुनाफा कमा रहे थे। इस दौरान इन व्यापारियों की संपत्ति में भारी इजाफा हुआ, लेकिन अधिकारियों की ओर से न तो इन व्यापारियों की संपत्ति की जांच की गई और न ही उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई।
धन की लिप्सा में बढ़ रही काला बाजारी
आज भी थोक व्यापारी वही काम कर रहे हैं। उनका काला बाजारी करने का सिलसिला जारी है, और अब फिर से गोल्ड मोहर गुटखा की कम आपूर्ति और उसके दामों में वृद्धि देखने को मिल रही है। छोटे दुकानदारों का कहना है कि यह ब्लैक मार्केटिंग के कारण उनका व्यापार बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। वहीं, थोक व्यापारियों को इस बार भी मोटा मुनाफा होने की संभावना है, जिससे उनका हौसला और भी बढ़ गया है। इन व्यापारियों का कहना है कि वे गुटखा के दामों को नियंत्रित कर रहे हैं, लेकिन छोटे दुकानदार इस पर किसी भी तरह का काबू नहीं पा पा रहे हैं।
प्रशासन की चुप्पी और व्यापारी की बढ़ती संपत्ति
इगलास के व्यापारी इस बात से चकित हैं कि कोरोना काल में हुई काला बाजारी के बावजूद प्रशासन ने न तो इन व्यापारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई की और न ही इनकी संपत्ति की जांच की। जिन थोक व्यापारियों के पास पहले कुछ नहीं था, वे अब करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन गए हैं। उदाहरण के तौर पर, एक छोटा दुकानदार जो पहले किराए के मकान में रहता था और साइकिल पर सामान बेचता था, वह आज करोड़ों की संपत्ति का मालिक बन चुका है। इसके बावजूद इन व्यापारियों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। यह प्रशासन की लापरवाही को दर्शाता है, जो काला बाजारी को बढ़ावा देने वाले इन व्यापारियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने में नाकाम रहा है।
दुकानदारों की स्थिति और गोल्ड मोहर गुटखा की कमी
गोल्ड मोहर गुटखा के थोक व्यापारी अब इस बार भी इस काले कारोबार से मोटा मुनाफा कमाने की फिराक में हैं। इसके कारण इगलास नगर में दुकानों पर गोल्ड मोहर गुटखा कम दिखाई दे रहा है, और जो मिल भी रहा है, वह ऊंची कीमतों पर बिक रहा है। छोटे दुकानदारों का कहना है कि अगर यही स्थिति बनी रही तो उनका व्यापार भी मुश्किल में पड़ जाएगा। लोग इस काले कारोबार को लेकर अधिकारियों से सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर गोल्ड मोहर गुटखा की काला बाजारी पर कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है?