अलीगढ़ NEWS : विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों ने पर्यावरण और सौर ऊर्जा के मॉडलों से दिखाया
अलीगढ़
संवाददाता : संजय भारद्वाज
थाना सासनी गेट के निजी स्कूलों में आयोजित एक विशेष विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों ने अपनी वैज्ञानिक प्रतिभा का प्रदर्शन करते हुए पर्यावरण संरक्षण और सौर ऊर्जा से संबंधित विभिन्न मॉडल्स प्रस्तुत किए। इस प्रदर्शनी के दौरान बच्चों ने प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन, सौर ऊर्जा की संभावनाओं, और पर्यावरण को सुरक्षित रखने के तरीकों को दिखाने वाले मॉडल्स तैयार किए थे। प्रदर्शनी का उद्देश्य बच्चों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता पैदा करना और उन्हें वैज्ञानिक दृष्टिकोण से इन मुद्दों पर विचार करने के लिए प्रेरित करना था।
प्रदर्शनी का आयोजन और मॉडल्स का प्रदर्शन
विज्ञान प्रदर्शनी में बच्चों द्वारा तैयार किए गए मॉडल्स ने दर्शकों को यह समझने में मदद की कि किस तरह से पर्यावरण का संरक्षण किया जा सकता है। प्रदर्शनी में बच्चों ने सौर ऊर्जा के उपयोग से संबंधित मॉडल्स प्रस्तुत किए, जिसमें बताया गया कि किस प्रकार सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करके घरों और उद्योगों में बिजली बनाई जा सकती है। बच्चों ने यह भी दिखाया कि सौर ऊर्जा के माध्यम से प्रदूषण कम किया जा सकता है और पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव डाला जा सकता है।
इसके अलावा, प्रदर्शनी में बच्चों ने पर्यावरण को नुकसान पहुँचाने वाले विभिन्न कारकों को भी दर्शाया। विशेष रूप से, उन्होंने कारखानों से निकलने वाले गंदे पानी, केमिकल्स और अन्य प्रदूषकों के प्रभाव को समझाया और बताया कि ये किस तरह से हमारे जल स्रोतों और वातावरण को नुकसान पहुँचाते हैं। प्रदूषण नियंत्रण और जल शोधन के उपायों पर आधारित मॉडल्स ने यह भी बताया कि कैसे औद्योगिक अपशिष्टों का निपटान सही तरीके से किया जा सकता है।
बच्चों की मेहनत और योगदान
विज्ञान प्रदर्शनी में प्रदर्शित मॉडल्स में बच्चों की कड़ी मेहनत और रचनात्मकता साफ नजर आ रही थी। बच्चों ने ना सिर्फ मॉडल्स बनाए, बल्कि इनकी कार्यप्रणाली के बारे में भी गहराई से अध्ययन किया था। बच्चों ने इन मॉडलों के माध्यम से यह दिखाया कि हम पर्यावरण को बचाने के लिए कितनी छोटी-छोटी बदलावों से बड़ा फर्क डाल सकते हैं।
इस प्रदर्शनी में बच्चों ने न सिर्फ सौर ऊर्जा, बल्कि जल संरक्षण, वृक्षारोपण, और प्लास्टिक कचरे के निपटान के भी मॉडल्स प्रस्तुत किए। बच्चों ने यह भी दिखाया कि किस तरह से पुनर्चक्रण (recycling) की प्रक्रिया से हम पर्यावरण को बेहतर बना सकते हैं और कचरे की मात्रा को घटा सकते हैं। प्रदर्शनी में प्रदर्शित हर मॉडल ने यह सिद्ध किया कि छोटे-छोटे कदमों से हम अपने पर्यावरण को बचाने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
शिक्षक और स्कूल का योगदान
स्कूल की प्रधानाचार्य, प्रतिभा फलोन ने इस प्रदर्शनी के आयोजन में बच्चों और अध्यापकों दोनों के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, “इस प्रदर्शनी में बच्चों ने न केवल अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया, बल्कि पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी भी निभाई है। हमारे अध्यापकों ने बच्चों को मार्गदर्शन प्रदान किया, जिससे वे इन जटिल विषयों को सरल तरीके से समझ सके और मॉडल्स के रूप में प्रस्तुत कर पाए।”
प्रिंसिपल ने यह भी कहा कि इस तरह के कार्यक्रम बच्चों में वैज्ञानिक सोच और पर्यावरणीय जागरूकता को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने आगे कहा, “हमारे स्कूल का उद्देश्य हमेशा यह रहा है कि हम बच्चों को केवल किताबों तक ही सीमित न रखें, बल्कि उन्हें व्यावहारिक शिक्षा भी प्रदान करें, जिससे वे समाज में सकारात्मक बदलाव ला सकें।”
प्रदर्शनी में शामिल मॉडल्स की विशिष्टताएँ
प्रदर्शनी में बच्चों ने कई प्रकार के मॉडल्स पेश किए, जिनमें प्रमुख थे:
- सौर ऊर्जा प्रणाली: बच्चों ने एक सौर ऊर्जा मॉडल तैयार किया था, जिसमें सूरज की ऊर्जा को संकलित कर बिजली बनाने की प्रक्रिया को समझाया गया था। इस मॉडल ने यह दिखाया कि सौर ऊर्जा का उपयोग करके हम बिजली की मांग को पूरा कर सकते हैं और प्रदूषण को कम कर सकते हैं।
- जल शोधन प्रणाली: बच्चों ने जल शोधन के मॉडल के माध्यम से यह दिखाया कि कैसे गंदे पानी को पुनः उपयोग के योग्य बनाया जा सकता है। इस मॉडल में पानी के शोधन की प्रक्रिया को चरणबद्ध तरीके से प्रदर्शित किया गया था।
- वृक्षारोपण और पर्यावरण संरक्षण: बच्चों ने यह मॉडल प्रस्तुत किया कि वृक्षारोपण से न केवल पर्यावरण को फायदा होता है, बल्कि यह हमारे जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को भी कम करता है।
- प्लास्टिक पुनर्चक्रण: बच्चों ने एक मॉडल तैयार किया था जिसमें प्लास्टिक के कचरे को पुनः उपयोग में लाने के तरीके को दिखाया गया। उन्होंने बताया कि प्लास्टिक कचरे के पुनर्चक्रण से न सिर्फ प्रदूषण कम होता है, बल्कि इससे नई सामग्री भी तैयार की जा सकती है।