अलीगढ़ के जेल में बंद कैदियों का हुनर महाकुंभ में बनेगा शान…
अलीगढ़
संजय भारद्वाज
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कुशल कारीगरों के साथ-साथ अब अलीगढ़ की जेल के बंद कैदी भी अपनी कला का बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे। जेल में बंद कैदियों के द्वारा तैयार किए गए उपकरण और सामान अब महाकुंभ की शान बनेंगे। यह पहल न केवल कैदियों को आत्मनिर्भर बनाएगी, बल्कि उनके कौशल को एक नई पहचान भी दिलाएगी।
प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ के दौरान, अलीगढ़ जेल के बंद कैदी विशेष रूप से तैयार किए गए ताले श्रद्धालुओं को बेचने के लिए प्रस्तुत करेंगे। जेल अधीक्षक के अनुसार, जेल में हर दिन लगभग 1200 ताले तैयार किए जा रहे हैं। यह ताले महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए सस्ते दामों पर उपलब्ध होंगे। कैदियों के इस प्रयास को न केवल उनकी कला की सराहना मिलेगी, बल्कि यह उन्हें समाज में सम्मानजनक स्थान पाने का एक अवसर भी प्रदान करेगा।
अलीगढ़, जो अपनी ताला कला और शिक्षा के लिए प्रसिद्ध है, इस बार जेल में बंद कैदियों के द्वारा बनाए गए ताले महाकुंभ में दिखाए जाएंगे। इस पहल से कैदियों के हुनर का प्रदर्शन होगा और साथ ही यह उनके पुनर्वास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा।
जेल में सजा काट रहे विनोद कुमार, जो आजीवन कारावास की सजा भुगत रहे हैं, ने बताया कि उन्होंने जेल में ही ताला बनाने की कला सीखी है। विनोद का कहना है, “यह हमारे लिए गर्व की बात है कि हमारे बनाए ताले अब देश और विदेश में प्रसिद्ध हो रहे हैं। महाकुंभ में इनके प्रदर्शन से हमारा मनोबल बढ़ेगा और हमें समाज में एक नई पहचान मिलेगी।”
जेल अधीक्षक ने बताया कि महाकुंभ में विशेष स्टॉल लगाए जाएंगे, जहां न केवल ताले, बल्कि कैदियों द्वारा बनाए गए लकड़ी के सामान भी प्रदर्शित होंगे। श्रद्धालु इन सामानों की खरीदारी भी कर सकेंगे। इस पहल से कैदियों को आत्मनिर्भर बनने का अवसर मिलेगा और उनकी कला को एक नई पहचान मिलेगी।
महाकुंभ में अलीगढ़ के कैदियों के हुनर का प्रदर्शन, उनके जीवन में बदलाव लाने और समाज में पुनर्वास की दिशा में एक अहम कदम साबित होगा।