अलीगढ़ NEWS : अमित शाह ने कहा- कांग्रेस ने कभी अंबेडकर को भारत रत्न नहीं दिया..

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अलीगढ़

संवाददाता : योगेश उपाध्याय

अमित शाह जी ने हाल ही में राज्यसभा में जो बयान दिया, उसमें किसी भी प्रकार से बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर जी का अपमान नहीं हुआ है। उनका यह बयान एक विश्लेषण था और इसमें उन्होंने कांग्रेस पार्टी के दोगले रवैये को उजागर करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि “अंबेडकर का नाम लेना अब फैशन बन गया है, लेकिन कांग्रेस ने प्रारंभ से उनके साथ क्या किया है, इसे भी विचार करें।” अमित शाह का यह बयान कांग्रेस के दोहरे मापदंडों पर आधारित था, क्योंकि पार्टी आज बाबा साहब का समर्थन दिखा रही है, लेकिन उनके प्रति ऐतिहासिक नफरत और उपेक्षा को नजरअंदाज कर रही है।

अमित शाह का यह बयान, कांग्रेस द्वारा उठाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया थी, जिनमें आरोप था कि भाजपा बाबा साहब का अपमान कर रही है। हालांकि, शाह ने केवल यह बयान दिया कि अंबेडकर का नाम लेना फैशन बन गया है, और उन्होंने कांग्रेस के द्वारा बाबा साहब के प्रति किए गए ऐतिहासिक अपमान को सामने रखा। उनका यह बयान एक ऐतिहासिक संदर्भ में था, जिसे कांग्रेस और उनके सहयोगियों ने गलत तरीके से प्रस्तुत किया।

कांग्रेस के इतिहास पर नजर डालें तो यह साफ दिखता है कि उन्होंने बाबा साहब का हमेशा उपेक्षा की। नेहरू जी, जो कांग्रेस के सबसे बड़े नेता थे, बाबा साहब से असहमत थे। उनकी योग्यता और संविधान सभा में उनके योगदान को नेहरू जी ने कभी उचित सम्मान नहीं दिया। यहां तक कि उन्हें संविधान सभा में आने से रोकने की कोशिश की गई, और बाद में उन्होंने योगेंद्र नाथ मंडल की मदद से बंगाल से चुनाव लड़ा। 1952 और 1954 के चुनावों में बाबा साहब अंबेडकर को हराने के लिए कांग्रेस ने जानबूझकर उनकी हार की साजिश की थी। 1952 में उन्हें 14000 वोटों से हार का सामना करना पड़ा, जबकि 74333 वोटों को अवैध घोषित कर दिया गया था।

यहां पर यह सवाल उठता है कि जब कांग्रेस बाबा साहब को इतना बड़ा नेता मानती है, तो उन्हें भारत रत्न क्यों नहीं दिया गया? नेहरू जी ने 1955 में, और इंदिरा गांधी ने 1971 में खुद भारत रत्न लिया था, लेकिन बाबा साहब को यह सम्मान क्यों नहीं दिया गया? बाबा साहब को भारत रत्न 1990 में भाजपा समर्थित वी. पी. सिंह सरकार ने दिया, जो कांग्रेस की घोर उपेक्षा की ओर इशारा करता है।

नेहरू जी के साथ ही कांग्रेस ने बाबा साहब के संविधान को शुरू से ही उपेक्षित किया। 1975 में इंदिरा गांधी द्वारा लगाए गए आपातकाल के समय, बाबा साहब के संविधान के सिद्धांतों को पूरी तरह से कुचला गया। यही नहीं, बाबा साहब ने कश्मीर में धारा 370 को लागू करने की कड़ी आलोचना की थी, और जब उन्होंने इसके विरोध में त्यागपत्र दिया, तो कांग्रेस ने उनके त्यागपत्र को संसद में पढ़ने तक नहीं दिया। इसके कारणों में दलितों की उपेक्षा, गलत विदेश नीति, जम्मू कश्मीर के विशेष अधिकारों का विरोध, और तुष्टिकरण की नीति शामिल थी। इन सभी मुद्दों पर बाबा साहब ने कांग्रेस से असहमत होकर विरोध जताया था।

यहां तक कि जब बाबा साहब का निधन हुआ, तो उनकी पत्नी, डॉ. सविता अंबेडकर को भी उनके व्यक्तिगत सामान को उनके निवास स्थान से बाहर फेंकने का दर्दनाक अनुभव हुआ था। यही कांग्रेस का असल चेहरा था, जो बाबा साहब के प्रति अपनी नफरत छुपाने में सफल नहीं हो सकी।

बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने हमेशा भारतीय समाज में समानता, न्याय और अधिकारों के लिए संघर्ष किया। उनके संघर्षों और योगदान को कांग्रेस ने हमेशा नकारा और उपेक्षित किया। अब जब भाजपा बाबा साहब को सम्मान दे रही है, उनके योगदान को मान्यता दे रही है, तो कांग्रेस और उनके सहयोगी दल इसे एक राजनीतिक उपकरण बना कर इसका विरोध कर रहे हैं। यह सही नहीं है कि भाजपा या किसी और पार्टी द्वारा बाबा साहब का अपमान किया जा रहा है। असल में, भाजपा ने उनके सम्मान में पांच स्मारक बनाए हैं, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा उनके योगदान को सम्मानित करते हैं।

कांग्रेस, जो आज बाबा साहब का समर्थन कर रही है, उसी ने उन्हें उनके जीवनकाल में कभी उचित सम्मान नहीं दिया। इसलिए कांग्रेस द्वारा भाजपा पर यह आरोप कि वह बाबा साहब का अपमान कर रही है, बिल्कुल निराधार है। इसके विपरीत, भाजपा ने बाबा साहब के योगदान को आगे बढ़ाया है और उनकी विचारधारा को भारतीय समाज में जागरूक किया है।

अंत में, यह कहा जा सकता है कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर का जीवन और कार्य हमें एक प्रेरणा देते हैं। उनकी शिक्षा और उनके संविधान के सिद्धांतों को समझने और सम्मानित करने की जरूरत है, और यह जिम्मेदारी केवल भाजपा की नहीं, बल्कि पूरी भारतीय राजनीति और समाज की है। कांग्रेस को भी अपनी ऐतिहासिक नीतियों पर पुनः विचार करना चाहिए और बाबा साहब के योगदान को सही तरीके से सम्मानित करना चाहिए, जैसा कि प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा ने किया है।

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