अलीगढ़
संवाददाता : संजय भारद्वाज
कृषि कानूनों और किसानों की मांगों को लेकर चल रहे संघर्ष के बीच एक और महत्वपूर्ण घटनाक्रम सामने आया है। किसान नेता सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल के समर्थन में किसान नेता अभिमन्यु कोहाड़ द्वारा एक दिन के संकल्प भोजन त्याग का आवाहन किया गया, जिसमें भानु गुट के राष्ट्रीय महासचिव धीरज कुमार सिंह ने अन्न भोजन का त्याग करते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। उन्होंने किसानों की ओर से एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की मांग को लेकर सरकार के खिलाफ सख्त कदम उठाने की चेतावनी दी।
धीरज कुमार सिंह ने इस अवसर पर कहा
कि “सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल जी पिछले 16 दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे हुए हैं, लेकिन केंद्र की अहंकारी सरकार ने आज तक उनसे कोई वार्ता की पेशकश नहीं की है। डल्लेवाल जी का 12 किलो वजन घट चुका है और वह किडनी जैसी गंभीर बीमारी से भी ग्रस्त हो चुके हैं। उनकी हालत कभी भी नियंत्रण से बाहर हो सकती है, फिर भी सरकार पर इसका कोई असर नहीं पड़ रहा है।” उन्होंने अपनी बात को और भी स्पष्ट करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने किसानों की आवाज को नजरअंदाज किया है, और यह स्थिति उनके लिए अत्यंत चिंताजनक है।
सिंह ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा, “यह सरकार अंग्रेजों वाली नीति ‘फूट डालो और राज करो’ पर काम कर रही है। किसानों को आपस में विभाजित करने की साजिश की जा रही है, लेकिन सरकार यह समझ ले कि एमएसपी की मांग पर सभी किसान संगठन एकजुट हैं। सरकार हमें अलग-अलग हिस्सों में न देखे। किसानों की मांग बिल्कुल जायज है और यह आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक सरकार इस पर ठोस कदम नहीं उठाती।”
धीरज कुमार सिंह ने आगे कहा
कि सरकार की अनदेखी और किसानों की मांगों को नकारने की नीति ने किसानों के विश्वास को हिला दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार से जल्द से जल्द वार्ता करने की मांग की और कहा, “हमारी मांग नाजायज नहीं है, यह किसानों का हक है। यदि सरकार जल्द कार्रवाई नहीं करती, तो आंदोलन और तेज होगा और इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से केंद्र सरकार की होगी।”
किसान नेता ने यह भी कहा कि सरदार जगजीत सिंह डल्लेवाल की भूख हड़ताल को लेकर यदि सरकार ने जल्द ही कोई पहल नहीं की, तो इसके गंभीर परिणाम हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि डल्लेवाल जी के स्वास्थ्य की स्थिति बेहद नाजुक हो चुकी है और उनकी हालत बिगड़ने से पहले सरकार को उनके साथ वार्ता शुरू करनी चाहिए।
धीरज कुमार सिंह ने किसानों की एकजुटता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि देश के किसान अब पहले से कहीं ज्यादा जागरूक और संगठित हो चुके हैं। सरकार के किसी भी प्रयास से किसान अब विभाजित नहीं होंगे। उनका आंदोलन एमएसपी की गारंटी की मांग को लेकर जारी रहेगा और यह आंदोलन पूरी ताकत के साथ सरकार से अपनी बात मनवाने तक चलता रहेगा।
इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ है
कि किसान आंदोलन अब और तेज होने की संभावना है, क्योंकि एमएसपी की गारंटी की मांग किसानों के लिए सिर्फ एक मुद्दा नहीं, बल्कि उनके जीवन और रोज़ी-रोटी का सवाल बन चुका है। सरकार पर बढ़ते दबाव को देखते हुए, यह उम्मीद की जा रही है कि केंद्र सरकार को इस मुद्दे पर गंभीरता से विचार करना होगा।
सिंह ने अंत में यह भी कहा कि किसानों के संघर्ष में कोई कमी नहीं आएगी और जब तक एमएसपी पर सरकार से सही और स्पष्ट गारंटी नहीं मिलती, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से किसानों की बात सुनने और उनकी समस्याओं का समाधान करने की अपील की।
इस आंदोलन की ताकत और किसान नेताओं की एकजुटता को देखते हुए यह कहना गलत नहीं होगा कि अगर सरकार ने किसानों की मांगों को नजरअंदाज किया, तो यह संघर्ष और भी व्यापक और तीव्र हो सकता है।