कांग्रेस नेता डॉ. अमित कुमार उठवाल ने उठाया बड़ा सवाल, भाजपा के चुनाव चिन्ह पर केंद्रीय सूचना आयोग में याचिका…
सम्भल
खलील मलिक
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उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अमित कुमार उठवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के चुनाव चिन्ह कमल के फूल को लेकर बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त, नई दिल्ली को एक आर.टी.आई. (सूचना का अधिकार) के माध्यम से पूछा था कि क्या किसी राष्ट्रीय चिन्ह अथवा राष्ट्रीय प्रतीक को चुनाव चिन्ह के रूप में किसी राजनैतिक पार्टी को आवंटित किया जा सकता है। साथ ही, उन्होंने यह भी सवाल किया था कि राष्ट्रीय पुष्प ‘कमल’ को भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह के रूप में कैसे आवंटित किया गया है और क्या इसे निरस्त किया जाएगा।
डॉ. अमित कुमार उठवाल ने इस मुद्दे को उठाया था और दिनांक 3 मई 2023 को आर.टी.आई. दाखिल की थी। जवाब में 16 मई 2023 को उन्हें पूर्णतया भ्रामक सूचना प्राप्त हुई। इसके बाद, उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग में 31 मई 2023 को प्रथम अपील योजित की। बावजूद इसके, 23 जून 2023 को प्रथम अपीलीय अधिकारी ने एक और भ्रामक पत्र प्रेषित कर प्रकरण को दबाने का प्रयास किया।
अंततः, डॉ. अमित कुमार उठवाल ने माननीय केंद्रीय सूचना आयोग में 7 अप्रैल 2023 को द्वितीय अपील दायर की, जिसके बाद आयोग ने उक्त प्रकरण पर सुनवाई के लिए 14 जनवरी 2025 को सुबह 11:10 बजे का समय निर्धारित किया है। इस सुनवाई में भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को भी तलब किया गया है।
इस बारे में डॉ. अमित कुमार उठवाल ने कहा कि वह इस लड़ाई को अंतिम चरण तक ले जाएंगे और किसी भी राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह को किसी राजनैतिक पार्टी को आबंटित नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि यह उनका बड़ा मुद्दा है, और सरकारों को उनकी सुरक्षा व्यवस्था करनी चाहिए। डॉ. उठवाल ने यह भी कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह को निरस्त कराकर ही दम लेंगे।
यह मुद्दा राजनीतिक और कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो गया है और इससे जुड़े कानूनी पहलुओं पर पूरे देश की निगाहें रहेंगी।उत्तर प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और वरिष्ठ अधिवक्ता डॉ. अमित कुमार उठवाल ने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) के चुनाव चिन्ह कमल के फूल को लेकर बड़ा सवाल उठाया है। उन्होंने मुख्य चुनाव आयुक्त, नई दिल्ली को एक आर.टी.आई. (सूचना का अधिकार) के माध्यम से पूछा था कि क्या किसी राष्ट्रीय चिन्ह अथवा राष्ट्रीय प्रतीक को चुनाव चिन्ह के रूप में किसी राजनैतिक पार्टी को आवंटित किया जा सकता है। साथ ही, उन्होंने यह भी सवाल किया था कि राष्ट्रीय पुष्प ‘कमल’ को भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह के रूप में कैसे आवंटित किया गया है और क्या इसे निरस्त किया जाएगा।
डॉ. अमित कुमार उठवाल ने इस मुद्दे को उठाया था और दिनांक 3 मई 2023 को आर.टी.आई. दाखिल की थी। जवाब में 16 मई 2023 को उन्हें पूर्णतया भ्रामक सूचना प्राप्त हुई। इसके बाद, उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग में 31 मई 2023 को प्रथम अपील योजित की। बावजूद इसके, 23 जून 2023 को प्रथम अपीलीय अधिकारी ने एक और भ्रामक पत्र प्रेषित कर प्रकरण को दबाने का प्रयास किया।
अंततः, डॉ. अमित कुमार उठवाल ने माननीय केंद्रीय सूचना आयोग में 7 अप्रैल 2023 को द्वितीय अपील दायर की, जिसके बाद आयोग ने उक्त प्रकरण पर सुनवाई के लिए 14 जनवरी 2025 को सुबह 11:10 बजे का समय निर्धारित किया है। इस सुनवाई में भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों को भी तलब किया गया है।
इस बारे में डॉ. अमित कुमार उठवाल ने कहा कि वह इस लड़ाई को अंतिम चरण तक ले जाएंगे और किसी भी राष्ट्रीय प्रतीक चिन्ह को किसी राजनैतिक पार्टी को आबंटित नहीं होने देंगे। उन्होंने कहा कि यह उनका बड़ा मुद्दा है, और सरकारों को उनकी सुरक्षा व्यवस्था करनी चाहिए। डॉ. उठवाल ने यह भी कहा कि वह भारतीय जनता पार्टी के चुनाव चिन्ह को निरस्त कराकर ही दम लेंगे।
यह मुद्दा राजनीतिक और कानूनी दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण हो गया है और इससे जुड़े कानूनी पहलुओं पर पूरे देश की निगाहें रहेंगी।