बुलंदशहर NEWS : बसपा कार्यकर्ताओं का प्रदर्शन : अमित शाह के इस्तीफे की मांग…?
बुलंदशहर
संवाददाता : अमित सक्सेना
राजेबाबू पार्क में आज बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के कार्यकर्ता एकत्रित हुए और गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ जमकर हंगामा किया। कार्यकर्ताओं ने शहर के कालाआम चौराहे से लेकर कलक्ट्रेट तक जाम लगा दिया और अपनी आवाज बुलंद करते हुए गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे की मांग की। इस प्रदर्शन का नेतृत्व बसपा नेता आसिफ गाजी ने किया। कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा, जिसमें गृहमंत्री अमित शाह द्वारा संसद में की गई टिप्पणी के विरोध में इस्तीफे की मांग की गई।
गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ तीव्र विरोध
बसपा कार्यकर्ताओं ने गृहमंत्री अमित शाह पर आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने बाबा साहब भीमराव अंबेडकर पर टिप्पणी कर समाज के लोगों को गहरा आघात पहुंचाया है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस टिप्पणी से देश के करोड़ों अंबेडकर अनुयायी आहत हुए हैं। कार्यकर्ताओं का कहना था कि यह टिप्पणियाँ समाज के आदर्शों और संघर्षों का अपमान हैं, और यह इस कदर निंदनीय हैं कि गृहमंत्री को नैतिक आधार पर अपनी संसद सदस्यता और गृहमंत्री पद से इस्तीफा देना चाहिए।
आसिफ गाजी ने कहा कि गृहमंत्री अमित शाह द्वारा की गई यह टिप्पणी देश की सामाजिक न्याय व्यवस्था और संविधान के प्रति असम्मान है। उन्होंने जोर देकर कहा कि जब तक अमित शाह अपने बयान पर माफी नहीं मांगते और इस्तीफा नहीं देते, तब तक उनका विरोध जारी रहेगा। कार्यकर्ताओं ने यह भी कहा कि देश में अंबेडकर अनुयायी उनके इस कृत्य से बेहद नाराज हैं और उन्हें उम्मीद है कि गृहमंत्री अपनी गलती सुधारेंगे।
माफी की मांग और इस्तीफे की दरख्वास्त
बसपा नेता आसिफ गाजी ने गृहमंत्री अमित शाह से इस बयान पर सार्वजनिक माफी मांगने की मांग की। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री के बयान ने समाज के पिछड़े वर्ग और दलितों को गहरे मानसिक आघात पहुंचाया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर अमित शाह अपनी गलती स्वीकार नहीं करते और माफी नहीं मांगते, तो वे अपने पद पर बने रहने के योग्य नहीं हैं।
ज्ञापन में गाजी ने यह भी कहा कि गृहमंत्री को खुद को नैतिकता के आधार पर इस्तीफा दे देना चाहिए, ताकि यह साबित हो सके कि वह देश की सामाजिक न्याय व्यवस्था का सम्मान करते हैं। इसके साथ ही, उन्होंने राष्ट्रपति से यह अपील की कि वे गृहमंत्री के खिलाफ उचित कार्रवाई करें, ताकि समाज में न्याय और समानता की भावना को बल मिले।
चुनावों में ईवीएम के स्थान पर बैलेट पेपर की मांग
प्रदर्शन के दौरान बसपा कार्यकर्ताओं ने एक और महत्वपूर्ण मुद्दे पर आवाज उठाई। उन्होंने देश में होने वाले सभी चुनावों में ईवीएम (इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन) के स्थान पर बैलेट पेपर का इस्तेमाल किए जाने की मांग की। बसपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि ईवीएम के माध्यम से चुनावों में पारदर्शिता की कमी रहती है और इससे लोकतंत्र की सच्ची भावना का उल्लंघन होता है। उनका कहना था कि जब तक चुनावों में बैलेट पेपर का इस्तेमाल नहीं किया जाता, तब तक लोकतंत्र और संविधान के प्रति लोगों का विश्वास पूरी तरह से स्थापित नहीं हो सकता।
ज्ञापन में यह भी कहा गया कि यदि ग्राम सदस्य से लेकर राष्ट्रपति चुनाव तक सभी चुनावों में ईवीएम का इस्तेमाल किया जाता है, तो यह लोकतंत्र की स्वतंत्रता को कमजोर करेगा। उन्होंने बल देते हुए कहा कि बैलेट पेपर से चुनाव कराए जाने से चुनावी प्रक्रिया अधिक पारदर्शी, स्वतंत्र और निष्पक्ष होगी। इस मांग के पीछे उनका तर्क था कि बैलेट पेपर के माध्यम से वोटिंग प्रक्रिया में कोई भी गड़बड़ी की संभावना नहीं होती, जो लोकतंत्र के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।
प्रदर्शन के बाद सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपे गए ज्ञापन
इन दोनों मुख्य मुद्दों—गृहमंत्री अमित शाह के इस्तीफे और ईवीएम के स्थान पर बैलेट पेपर के इस्तेमाल की मांग को प्रमुख रूप से उठाया गया। बसपा कार्यकर्ताओं ने कहा कि उनका विरोध तब तक जारी रहेगा जब तक उनके मुद्दों पर उचित कार्रवाई नहीं की जाती।
बसपा कार्यकर्ताओं ने यह स्पष्ट किया कि वे समाज के हर वर्ग, विशेष रूप से पिछड़े और दलित वर्ग, के अधिकारों के लिए खड़े हैं और किसी भी हाल में उनके अधिकारों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि समाज में समानता, न्याय और सम्मान की भावना को बनाए रखने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।
यह प्रदर्शन और ज्ञापन इस बात का संकेत हैं कि राजनीतिक दल और उनके समर्थक अपने मुद्दों को लेकर सक्रिय रूप से आवाज उठा रहे हैं और सरकार से अपने अधिकारों की सुरक्षा की मांग कर रहे हैं।