अलीगढ़ NEWS : सरकार की मंजूरी के बाद ए एम यू में डीएसीपी स्कीम लागू न होने से डॉक्टरो का ए एम यू प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन

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अलीगढ़

संवाददाता : संजय भारद्वाज

मुस्लिम विश्वविद्याल (एएमयु) का जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज भारत का एकमात्र मेडिकल कॉलेज है जहां पर सरकार की मंजूरी के बाद भी डीएसीपी स्कीम लागू नहीं की गई है। यहां के डॉक्टर 10 से 15 साल से असिस्टेंट प्रोफेसर की ही पोस्ट पर हैं जिसके खिलाफ प्रशासनिक ब्लॉक पर आज डॉक्टरो ने साइलेंट प्रोटेस्ट कर जल्द डीएसीपी स्कीम लागू करने की मांग की। भारत के दूसरे मेडिकल कॉलेज में लागू हो चुकी है डीएसीपी स्कीम।

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) का जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज यानि JNMC के सहायक प्रोफेसरों ने डीएसीपी लागू करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतर कर प्रशासनिक ब्लॉक के सामने साइलेंट प्रोटेस्ट किया और मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन पर अनावश्यक देरी करने का आरोपी भी लगाया। वहीं जेएनएमसी के सहायक प्रोफेसरों ने यूजीसी की मंजूरी के बावजूद डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेसन यानि डीएसीपी योजना को लागू करने में विश्वविद्यालय प्रशासन की लेटलतीफी पर गहरी नाराजगी भी जाहिर की है।

इस योजना को साल 2018 में एएमयू के जेएनएमसी में लागू करने की तैयारी थी ताकि डॉक्टरों के रैंकों में पदोन्नति में असमानताओं को दूर किया जा सके. लेकिन 6 साल बीत जाने के बाद भी इस योजना को लागू नहीं किया जा सका.

क्या है डीएसीपी ?

1. डीएसीपी का फ़ुल फ़ॉर्म है – डायनेमिक एश्योर्ड करियर प्रोग्रेशन. यह एक योजना है जिसके ज़रिए, सरकारी क्षेत्र के डॉक्टरों के करियर में उन्नति और वित्तीय लाभ सुनिश्चित होता है. केंद्र सरकार ने इस योजना को अनुमोदित किया है.
2. यूजीसी ने साल 2008 में इसकी शुरुआत की थी.
3. इस योजना के तहत, डॉक्टरों की सेवा अवधि में चार कैरियर प्रगति या वित्तीय उन्नयन होते हैं.

क्या कहा डॉक्टरो ने ?

एएमयु प्रशासनिक ब्लॉक पर साइलेंट प्रोटेस्ट में शामिल डॉक्टर ने बताया कि यह DACP स्कीम 2009 में आई थी जिसके बाद 2013 में दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) में लागू हो गई। 2015 में BHU में लागू हो गई जिससे वहां के डॉक्टर का प्रमोशन हो गया और एएमयू में 2018 में इसको लागू करने के लिए सोच विचार किया गया था लेकिन अब तक लागू नहीं किया गया है जिसका यूनिवर्सिटी प्रशासन जिम्मेदार है।

डॉक्टर ने मांग करते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी प्रशासन हमें बताएं कि वह DACP लागू करेगा या नहीं अगर नहीं करता है तो हम आगे की अपनी रणनीति बनाएंगे।

डॉक्टर ने बताया कि एएमयू का जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज हिंदुस्तान का इकलौता ऐसा अस्पताल है जहां पर पिछले 10 से 15 सालों से डॉक्टर असिस्टेंट प्रोफेसर की ही पोस्ट पर हैं उनका प्रमोशन नहीं हुआ है।

बार बार उनके ओर से मांग की जा रही है जबकि अलग-अलग विश्वविद्यालय में प्रमोशन हो चुके हैं. लेकिन अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में अभी तक असिस्टेंट प्रोफेसर को आगे पदोन्नति नहीं मिली है.जेएनएमसी के सहायक प्रोफेसरों की ओर से डीएसीपी लागू किये जाने की मांग और उनकी ओर से किए जा रहे प्रदर्शन पर यूनिवर्सिटी प्रशासन की तरफ से कोई बयान सामने नहीं आया है.

प्रदर्शनकारी सहायक प्रोफेसर तत्काल डीएसीपी कार्यान्वयन की मांग कर रहे हैं और उन्होंने अपनी मांगें पूरी होने तक विरोध और जागरूकता अभियान जारी रखने का ऐलान किया है.

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