बागपत NEWS : जिलाधिकारी की बैठक: गन्ना भुगतान में देरी पर सख्त चेतावनी…

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बागपत  

संवाददाता : मोहित शर्मा  

सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी जितेंद्र प्रताप सिंह ने जिले की 9 शुगर मिलों के प्रबंधकों के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक का मुख्य विषय गन्ना भुगतान में हो रही देरी था, जिसे लेकर डीएम ने मिलों के प्रबंधकों से कड़ी नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि किसानों का भुगतान उनके खातों में समय पर पहुंचना चाहिए और इसके लिए मिलों को सख्त दिशा-निर्देश दिए।

शत-प्रतिशत गन्ना भुगतान का आदेश

जिलाधिकारी ने गन्ना भुगतान को लेकर सख्त रुख अपनाते हुए सभी मिलों को आदेश दिया कि वे 23 दिसंबर 2024 तक शत-प्रतिशत भुगतान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा, “किसानों का पैसा उनके खाते में समय पर पहुंचना चाहिए, और अगर किसी मिल ने तय समय तक भुगतान नहीं किया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।” यह आदेश जिले के सभी शुगर मिलों पर लागू होगा और इसका पालन सख्ती से सुनिश्चित किया जाएगा।

मलकपुर, भैसाना और मोदीनगर मिलों पर कार्रवाई की चेतावनी

डीएम ने मलकपुर, भैसाना और मोदीनगर शुगर मिलों के प्रबंधकों की खिंचाई करते हुए कहा कि इन मिलों ने अब तक गन्ना भुगतान नहीं किया है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर इन मिलों ने 23 दिसंबर तक किसानों का बकाया भुगतान नहीं किया, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इन मिलों के अधिकारियों को तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि किसानों को समय पर भुगतान मिल सके और उनकी परेशानियों का समाधान हो सके।

रमाला शुगर मिल की सराहना

बैठक के दौरान जिलाधिकारी ने रमाला शुगर मिल की सराहना भी की, जिसने 11 करोड़ रुपये का गन्ना भुगतान किया था। डीएम ने कहा कि रमाला मिल द्वारा किया गया भुगतान एक अच्छा उदाहरण है, जिसे अन्य मिलों को अनुसरण करना चाहिए। उन्होंने रमाला शुगर मिल के प्रबंधन की तत्परता और जिम्मेदारी की सराहना करते हुए अन्य मिलों को भी इस तरह के समर्पण के साथ कार्य करने की अपील की।

किसानों के लिए बेहतर सुविधाओं के निर्देश

जिलाधिकारी ने किसानों की सुविधा के लिए भी कुछ महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने गन्ना क्रय केंद्रों और मिल परिसरों में शुद्ध पेयजल, बैठने की उचित व्यवस्था, साफ-सफाई और सर्दियों में अलाव की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। डीएम ने बताया कि किसानों को मिल परिसर में बेहतर सुविधाएं मिलनी चाहिए, ताकि वे आराम से अपनी फसल बेच सकें और उन्हें किसी भी तरह की असुविधा का सामना न करना पड़े।

इसके साथ ही, जिलाधिकारी ने गन्ना केंद्रों में फीडबैक रजिस्टर रखने का भी निर्देश दिया। इससे किसानों को अपनी समस्याओं को दर्ज करने का मौका मिलेगा और प्रशासन समय रहते उनकी शिकायतों का समाधान कर सकेगा।

गन्ना ढोने वाले वाहनों पर रिफ्लेक्टर और एडवाइजरी बोर्ड लगाने का आदेश

बैठक में जिलाधिकारी ने गन्ना ढोने वाले वाहनों के लिए भी महत्वपूर्ण निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि इन वाहनों पर रिफ्लेक्टर और एडवाइजरी बोर्ड अनिवार्य रूप से लगाए जाएं, ताकि रात के समय इन वाहनों को आसानी से पहचाना जा सके और सड़क दुर्घटनाओं को रोका जा सके। इसके साथ ही, डीएम ने गन्ना ढोने वाले वाहनों की रैंडम चेकिंग के आदेश भी जारी किए, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था और समस्याओं से निपटा जा सके।

घाटोली जैसी समस्याओं पर कड़ी कार्रवाई

जिलाधिकारी ने घाटोली जैसी समस्याओं पर भी कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर इस तरह की शिकायतें मिलती हैं, तो संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन अब किसी भी तरह की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं करेगा और सभी मिलों को सख्त दिशा-निर्देश दिए जाएंगे, ताकि किसानों को उनके अधिकारों से वंचित न किया जा सके।

बैठक में अधिकारियों की उपस्थिति

इस बैठक में मुख्य विकास अधिकारी नीरज कुमार श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी पंकज वर्मा, जिला गन्ना अधिकारी अमर प्रताप सिंह और जिले की शुगर मिलों के प्रबंधक मौजूद थे। सभी अधिकारियों ने मिलों के प्रबंधकों से गन्ना भुगतान में देरी के कारणों पर चर्चा की और इस समस्या के समाधान के लिए कई उपायों पर विचार किया।

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