बिजनौर NEWS : अवैध कटान और खनन के खिलाफ रिपोर्टिंग करने पर पत्रकार को निशाना बनाया

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बिजनौर

संवाददाता : अमीन अहमद

हीमपुर दीपा में भूमाफियाओं ने एक पत्रकार के साथ मारपीट की। यह घटना अवैध कटान और खनन की खबर को लेकर सामने आई है, जिसमें पत्रकार ने माफिया के खिलाफ पत्रकारिता की थी।

इस घटना ने पत्रकारिता और प्रशासनिक व्यवस्था की गंभीरता को उजागर किया है, खासकर तब जब वन क्षेत्र अधिकारी ने स्थिति को संभालने के लिए हस्तक्षेप किया, लेकिन इसके बाद पत्रकार पर हमला हुआ।

पत्रकार ने हाल ही में एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी,

जिसमें उन्होंने क्षेत्र में हो रहे अवैध कटान और खनन की जानकारी दी थी। इस खबर को लेकर भूमाफिया बौखला गए और पत्रकार के खिलाफ हिंसक तरीके से कार्रवाई की योजना बनाई। घटना के बाद जब वन क्षेत्र अधिकारी दुष्यंत सिंह ने मौके पर पहुंचकर दबंगों को कड़ी चेतावनी दी, तो माफिया ने और भी आक्रामक रुख अपनाया।

वन क्षेत्र अधिकारी दुष्यंत सिंह ने अवैध कार्यों में लिप्त लोगों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी,

और यह संदेश दिया था कि किसी को भी कानून से ऊपर नहीं समझा जाएगा। इसके बाद माफिया की तरफ से पत्रकार को धमकियां दी जाने लगीं, और अंत में उन्होंने पत्रकार के घर जाकर हमला कर दिया।

हमले में पत्रकार को चोटें आईं, और उनकी जान को भी खतरा उत्पन्न हो गया। इस गंभीर घटना के बाद पत्रकार ने थाने में जाकर मामला दर्ज कराया और तहरीर सौंपी। पीड़ित पत्रकार ने आरोप लगाया कि यह हमला सिर्फ उसकी पत्रकारिता और सरकारी कार्रवाई की प्रतिक्रिया थी। पत्रकार ने प्रशासन से इंसाफ की गुहार लगाई और आरोपी दबंगों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की।

थाना हीमपुर दीपा के धीवारपुरा क्षेत्र में हुई इस घटना के बाद, पत्रकार ने पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों को सजा दिलाने की मांग की। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता के अधिकार को दबाने का यह प्रयास असफल रहेगा और वह इस लड़ाई को कानूनी तरीके से लड़ेंगे।

इस घटना से एक बार फिर यह सवाल उठता है कि पत्रकारों को अपनी पेशेवर जिम्मेदारी निभाने में कैसे खतरों का सामना करना पड़ रहा है। पत्रकारिता समाज की आवाज होती है, लेकिन इस तरह की घटनाएं यह सिद्ध करती हैं कि पत्रकारों को स्वतंत्र रूप से काम करने के लिए एक सुरक्षित वातावरण की आवश्यकता है।

अवसर पर वन क्षेत्र अधिकारी दुष्यंत सिंह की कड़ी कार्रवाई की चेतावनी के बावजूद यह हमला हुआ,

जिससे यह सिद्ध होता है कि अवैध कारोबार करने वालों का दबाव किस हद तक बढ़ चुका है। पीड़ित पत्रकार ने प्रशासन से उम्मीद जताई कि दोषियों को सजा मिलेगी और उसे न्याय मिलेगा।

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