बागपत NEWS : गन्ना भुगतान पर नरेश टिकैत ने सरकार को दी चेतावनी
बागपत
संवाददाता : प्रदीप पांचल
भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत ने रविवार को बामनौली गांव में एक शादी समारोह के दौरान किसानों और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की।
इस अवसर पर उन्होंने गन्ना भुगतान के मुद्दे को लेकर सरकार को घेरते हुए चेतावनी दी। नरेश टिकैत ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि अगर किसानों का बकाया गन्ना भुगतान जल्द नहीं किया जाता है, तो भारतीय किसान यूनियन आंदोलन करने पर मजबूर होगी। उनका कहना था कि गन्ना भुगतान में हो रही देरी से किसानों की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है, और उनके दैनिक कार्यों में रुकावट आ रही है, जिससे वे मानसिक रूप से भी परेशान हैं।
गन्ना भुगतान पर सख्त संदेश
नरेश टिकैत ने इस मुद्दे पर सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, “किसानों का बकाया गन्ना भुगतान जल्द होना चाहिए। अगर सरकार किसानों का बकाया भुगतान समय पर नहीं करती, तो भारतीय किसान यूनियन को आंदोलन का रास्ता अपनाना पड़ेगा। हम सरकार से अपील करते हैं कि जल्द से जल्द किसानों को उनके बकाए का भुगतान करें, ताकि उनकी समस्याएं हल हो सकें।” टिकैत ने कहा कि गन्ना भुगतान में हो रही देरी किसानों के लिए एक गंभीर समस्या बन गई है। किसानों का मानना है कि गन्ना भुगतान में इतनी देरी से उनका परिवार आर्थिक तंगी का सामना कर रहा है और उनके आवश्यक काम भी ठप हो गए हैं।
उन्होंने आगे कहा, “किसानों की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है। उनके पास जो बकाया पैसा है, वह उनके लिए जरूरी कामों को पूरा करने के लिए काफी अहम है। अगर यह देरी जारी रहती है, तो किसान और ज्यादा परेशान होंगे और आंदोलन के लिए मजबूर होंगे।”
नरेश टिकैत ने यह भी कहा कि भारतीय किसान यूनियन किसानों के हक की लड़ाई लड़ती रहेगी और जब तक उनके बकाए का भुगतान नहीं हो जाता, तब तक यह संघर्ष जारी रहेगा। उन्होंने सरकार से यह भी कहा कि अगर किसानों को शीघ्र राहत नहीं मिली, तो आगामी समय में आंदोलन को और तेज किया जाएगा।
बांग्लादेश के हालात पर चिंता
गन्ना भुगतान के अलावा नरेश टिकैत ने बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों पर भी चिंता जताई और भारत सरकार से इस मामले में ध्यान देने की अपील की। उन्होंने कहा, “बांग्लादेश में वर्तमान में जो हालात हैं, वे गंभीर हैं। वहां के लोग कई तरह के उत्पीड़न और अत्याचारों का सामना कर रहे हैं। यह भारत सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह बांग्लादेश में हो रही घटनाओं पर ध्यान दे और उनकी मदद के लिए आवश्यक कदम उठाए।”
टिकैत ने बांग्लादेश के अल्पसंख्यक समुदाय के खिलाफ हो रहे अत्याचारों को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि भारत को इस मामले में अपना कड़ा रुख अपनाना चाहिए। उनका मानना था कि भारत सरकार को बांग्लादेश में लोकतंत्र और मानवाधिकारों की स्थिति सुधारने के लिए दबाव डालना चाहिए।
किसानों के मुद्दे पर सरकार से वार्ता की अपील
नरेश टिकैत ने किसानों की स्थिति पर भी सरकार से वार्ता की अपील की। उनका कहना था, “सरकार को किसानों के मुद्दों पर गंभीरता से विचार करना चाहिए और उनके साथ बैठकर समाधान निकालना चाहिए।” टिकैत ने कहा कि अगर सरकार समय रहते किसानों के मुद्दों को हल करने में सफल नहीं होती, तो इसका असर देशभर में किसानों के बीच और ज्यादा बढ़ सकता है। भारतीय किसान यूनियन किसानों के हक के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेगी, और किसानों की आवाज को दबने नहीं दिया जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि किसान अब अपनी समस्याओं को लेकर और ज्यादा जागरूक हो गए हैं, और वे किसी भी हाल में अपनी आवाज उठाएंगे। भारतीय किसान यूनियन का संगठन किसानों की हक की लड़ाई को मजबूती से लड़ता रहेगा, और किसी भी प्रकार की अनदेखी नहीं होने दी जाएगी।
नरेश टिकैत का संदेश
नरेश टिकैत ने अपनी बात को समाप्त करते हुए कहा, “हम चाहते हैं कि सरकार किसानों की समस्याओं का हल निकाले और उनके हक में कदम उठाए। अगर सरकार किसानों की आवाज को नजरअंदाज करती है, तो भारतीय किसान यूनियन आंदोलन करने के लिए तैयार है।” उन्होंने कहा कि किसानों के संघर्ष को जीतने तक बीकेयू शांत नहीं बैठेगी और हर मोर्चे पर किसानों की हक की लड़ाई लड़ेगी।
नरेश टिकैत का यह बयान किसानों के बीच एक मजबूत संदेश भेजता है कि भारतीय किसान यूनियन अपनी भूमिका निभाते हुए सरकार पर दबाव बनाएगी और किसानों की समस्याओं को हल करवाने तक अपनी लड़ाई जारी रखेगी। यह किसान आंदोलन के लिए एक और अहम कदम हो सकता है, जो आगामी दिनों में और भी तीव्र हो सकता है, अगर सरकार ने गन्ना भुगतान सहित किसानों की अन्य समस्याओं का समाधान नहीं किया।
अगर सरकार ने गन्ना भुगतान में देरी की और किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज किया, तो आने वाले समय में यह आंदोलन और तीव्र हो सकता है।