क्या है पूरा मामला?
गौरतलब है कि एक साल पहले बिजनौर जेल के बाहर एक युवक की हत्या हो गई थी, जो राजन गैंग से जुड़ा हुआ था। इस हत्या के बाद दोनों गैंगों के बीच प्रतिशोध की भावना ने जोर पकड़ा और इस बीच कई बार दोनों गुटों के बीच संघर्ष हो चुका था। अब इसी रंजिश के चलते रिपुल ने एक योजना बनाई थी। उसने एडीजे 6 कोर्ट में हर्षित चिकारा नाम के व्यक्ति को मारने का मन बनाया था। हर्षित चिकारा भी जेल के बाहर हुई हत्या से जुड़ा हुआ था और वह दूसरे गैंग से था। रिपुल का उद्देश्य था कि वह अपने गैंग के सदस्य की हत्या का बदला हर्षित से ले।
कोर्ट में हत्या करने की योजना के बारे में पुलिस को पहले ही सूचना मिल चुकी थी। इस सूचना के आधार पर पुलिस ने कोर्ट परिसर की घेराबंदी की और जैसे ही रिपुल वहां पहुंचा, उसे गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके पास से 315 बोर का तमंचा बरामद किया, जो वह हर्षित चिकारा को मारने के लिए लाया था।
पुलिस कार्रवाई
घटना के बाद पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए तुरंत कार्यवाही की। थाना कोतवाली शहर के प्रभारी इंस्पेक्टर ने बताया कि पुलिस को पहले से सूचना मिल गई थी कि रिपुल कोर्ट में हर्षित चिकारा को मारने की योजना बना रहा है। पुलिस ने जजी परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी थी और जैसे ही रिपुल ने वहां प्रवेश किया, उसे पकड़ लिया गया। पुलिस ने उसकी तलाशी ली और उसके पास से तमंचा बरामद किया।
इंस्पेक्टर ने बताया, “यह घटना गैंगवार से जुड़ी हुई है और पुलिस ने दोनों गैंग के दो लोगों को गिरफ्तार किया है। फिलहाल हम इस मामले की पूरी जांच कर रहे हैं।” पुलिस ने रिपुल के खिलाफ हत्या की कोशिश और अवैध हथियार रखने के आरोप में मामला दर्ज किया है। रिपुल के गिरफ्तार होने के बाद, पुलिस ने अन्य संदिग्धों की तलाश शुरू कर दी है, जो इस वारदात में शामिल हो सकते हैं।
जेल के बाहर फायरिंग कांड की पृष्ठभूमि
यह पूरा मामला एक साल पहले बिजनौर जेल के बाहर हुई फायरिंग से जुड़ा हुआ है, जिसमें एक युवक की हत्या कर दी गई थी। यह हत्या दो गैंगों के बीच छिड़े संघर्ष का हिस्सा थी। राजन गैंग और दूसरे गैंग के बीच चल रही रंजिश ने इस हिंसक घटनाक्रम को जन्म दिया था। जेल के बाहर हुए इस फायरिंग कांड के बाद से दोनों गैंगों के सदस्य लगातार एक दूसरे के खिलाफ बदला लेने की फिराक में थे।
रिपुल, जो राजन गैंग का सदस्य है, ने अपनी हत्या की योजना के तहत हर्षित चिकारा को निशाना बनाया था। पुलिस ने जांच में यह भी पाया कि रिपुल पहले से ही कोर्ट परिसर में हर्षित के आने का इंतजार कर रहा था। उसकी योजना पूरी तरह से हत्या करने की थी, लेकिन पुलिस की सतर्कता ने उसे रोक लिया।
इलाके में दहशत
इस घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है। लोग हैरान हैं कि कैसे एक व्यक्ति कोर्ट परिसर में खुलेआम हथियार लेकर आ सकता है। पुलिस की इस सफलता के बाद, इलाके में लोगों ने राहत की सांस ली है, लेकिन यह घटना यह भी दर्शाती है कि अपराधी किस हद तक हिंसक हो सकते हैं। पुलिस ने इस घटना के बाद अपनी गश्त और सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने का निर्णय लिया है।