अलीगढ़ NEWS : छात्रों का विरोध, ऐतिहासिक रीडिंग रूम को हॉस्टल बनाने पर नाराजगी..

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अलीगढ़

संवाददाता : संजय भारद्वाज 

मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के ऐतिहासिक छात्रावास, सर सैयद हाॅल (साउथ) में हाल ही में एक बड़ा बदलाव हुआ है, जिसे लेकर छात्रों में भारी नाराजगी और विरोध की लहर चल रही है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने सर सैयद हाॅल के प्रसिद्ध रीडिंग रूम को खत्म कर उसे हॉस्टल में बदल दिया है। इस बदलाव के खिलाफ छात्रों का कहना है कि यह निर्णय विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक और शैक्षिक महत्व को प्रभावित करेगा। छात्रों का कहना है कि रीडिंग रूम में अध्ययन की सुविधाएं थीं, जो अब खत्म हो गई हैं और इसके स्थान पर हॉस्टल बनाने का कोई उचित कारण नहीं है।

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने गर्मियों की छुट्टियों के दौरान छात्रों से हॉस्टल खाली करवा लिए थे

उन्हें यह कहकर छोड़ने को कहा था कि हॉस्टल में रिनोवेशन का काम होगा। हालांकि, जब विश्वविद्यालय फिर से खुला, तो छात्रों ने पाया कि हॉस्टल में कोई विशेष रिनोवेशन का काम नहीं हुआ है, लेकिन सर सैयद हाॅल (साउथ) के ऐतिहासिक रीडिंग रूम को खत्म कर उसे हॉस्टल में बदल दिया गया है। छात्रों का कहना है कि रीडिंग रूम में पढ़ाई के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं थीं, जैसे कंप्यूटर, किताबों और अध्ययन के लिए आरामदायक माहौल। छात्रों को अब यह चिंता हो रही है कि यदि इस तरह से अन्य रीडिंग रूम भी खत्म कर दिए जाएंगे, तो वे कहाँ पढ़ेंगे।

एएमयू के सीनियर छात्रों ने इस बदलाव पर अपनी आपत्ति जताते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन से मांग की है कि रीडिंग रूम को फिर से बहाल किया जाए। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय में 20 छात्रावास हैं और प्रत्येक छात्रावास में एक रीडिंग रूम होता है, जो छात्रों के अध्ययन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यदि ऐतिहासिक रीडिंग रूम को इस तरह खत्म कर दिया जाता है, तो छात्र कहां पढ़ेंगे और उनकी अध्ययन की सुविधा पर किस तरह असर पड़ेगा।

ज्ञात हो कि सर सैयद (साउथ) हॉल के रीडिंग रूम का नवीकरण 15 अगस्त 2018 को किया गया था, और इसका उद्घाटन विश्वविद्यालय के पूर्व वाइस चांसलर प्रोफेसर तारीख मानसूर द्वारा किया गया था। इस रीडिंग रूम में छात्रों के अध्ययन के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं मौजूद थीं, और यह हॉल विश्वविद्यालय के संस्थापक सर सैयद अहमद खान के नाम से जुड़ा हुआ एक महत्वपूर्ण स्थान था। छात्रों का कहना है कि यदि प्रशासन इस ऐतिहासिक रीडिंग रूम को खत्म करके हॉस्टल बना सकता है, तो यह विश्वविद्यालय के ऐतिहासिक और शैक्षिक मूल्यों के खिलाफ है।

इस विवाद के बाद, सर सैयद (साउथ) हॉल के प्रोवोस्ट डॉ. फारूक अहमद डार ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया दी।

उन्होंने मोबाइल पर बताया कि रीडिंग रूम को ऊपरी मंजिल में शिफ्ट कर दिया गया है, ताकि छात्रों को बैठकर पढ़ने के लिए एक अच्छी जगह मिल सके। उनका कहना है कि पुराने रीडिंग रूम को हॉस्टल बनाने का निर्णय छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। उनका कहना था कि छात्रों को रहने में समस्या हो रही थी, जो अब हल हो गई है, क्योंकि अब छात्रों के लिए और अधिक जगह उपलब्ध हो गई है।

प्रोवोस्ट का कहना है कि रीडिंग रूम को ऊपरी मंजिल में शिफ्ट किया गया है, जहां छात्रों को अब भी अध्ययन के लिए आवश्यक सुविधाएं मिल रही हैं। हालांकि, छात्रों का कहना है कि पुराने रीडिंग रूम के स्थान पर हॉस्टल बनाए जाने से उनका अध्ययन प्रभावित हुआ है और यह ऐतिहासिक स्थान को नुकसान पहुंचाने जैसा है।

एएमयू के छात्रों का कहना है

रीडिंग रूम, लाइब्रेरी और क्लासरूम जैसी जगहें छात्रों के अध्ययन और मानसिक विकास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। उनका मानना है कि यदि छात्रों की संख्या बढ़ती है, तो प्रशासन को नए हॉस्टल बनाने चाहिए, या फिर वार्डन के खाली कमरों में छात्रों के रहने का इंतजाम करना चाहिए, न कि ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण रीडिंग रूम को खत्म करके उसका स्थान हॉस्टल में बदलना चाहिए।

इस विवाद ने विश्वविद्यालय प्रशासन और छात्रों के बीच मतभेद को और बढ़ा दिया है। छात्रों का यह भी कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन को उनकी राय और मांगों का सम्मान करना चाहिए, ताकि उनकी अध्ययन की सुविधाओं पर कोई असर न पड़े। छात्रों का मानना है कि विश्वविद्यालय को अपने ऐतिहासिक और शैक्षिक धरोहरों का सम्मान करते हुए छात्रों की सुविधा का भी ध्यान रखना चाहिए।

 

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