अलीगढ़ NEWS : क्रांतिकारी अधिवक्ता संघ ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश शेखर कुमार यादव के समर्थन में किया खून से पत्र लिखने का आह्वान

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अलीगढ़

संवाददाता : संजय भारद्वाज 

इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश श्री शेखर कुमार यादव के समर्थन में क्रांतिकारी अधिवक्ता संघ ने एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम के दौरान, संघ के सदस्यों ने सीजेआई और लोकसभा अध्यक्ष के नाम खून से पत्र लिखकर न्यायमूर्ति यादव के बयान का समर्थन किया और कुछ सांसदों द्वारा उनके खिलाफ महाभियोग लाने की मांग को खारिज करने की अपील की। इसके साथ ही, प्रशांत भूषण द्वारा की गई शिकायत को भी नकारने की मांग की गई।

संघ के संरक्षक और वरिष्ठ अधिवक्ता गजेंद्र कुमार वर्मा, अशोक शर्मा, नवरत्न गुप्ता, और सुधा शर्मा ने कहा कि न्यायमूर्ति यादव के बयान पर कुछ राष्ट्रविरोधी मानसिकता के सांसदों और नामचीन वकीलों जैसे कपिल सिब्बल और प्रशांत भूषण ने सिर्फ सुर्खियों में बने रहने के लिए आलोचना की है। इन वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने कहा कि न्यायमूर्ति यादव का बयान वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य की सच्चाई को उजागर करता है और उन्होंने इसे देशहित में बताया।

संघ के अध्यक्ष और युवा अधिवक्ता सौरभ चौधरी और सचिव अर्जुन उपाध्याय ने कहा कि यदि न्यायमूर्ति यादव के खिलाफ कोई कार्रवाई की जाती है तो संघ के सभी सदस्य एकजुट होकर सड़कों पर उतरेंगे और आवश्यकता पड़ने पर महाभियोग लाने के पक्षधर सांसदों, प्रशांत भूषण और कपिल सिब्बल जैसे लोगों के घरों को घेरने और उनकी निंदा करने का कदम उठाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रवादियों और सत्य के पक्षधर न्यायमूर्ति यादव के लिए अधिवक्ता अपने खून का एक-एक कतरा देने के लिए तैयार हैं।

कार्यक्रम में शामिल हुए संघ के सदस्य और युवा अधिवक्ता

जितेंद्र बघेल और मोहित चौधरी ने कहा कि भारत में लोकतंत्र और भारतीय संविधान के तहत हर व्यक्ति को अपनी निजी वैचारिक स्वतंत्रता का अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि न्यायमूर्ति शेखर यादव ने एक निजी कार्यक्रम में भारत के वर्तमान परिदृश्य पर सच बोला और उन्होंने अपनी बातों को आम जनता के समक्ष रखा, जो देश की सच्चाई को दर्शाती है। इस बयान में किसी भी तरह की राष्ट्रविरोधी भावना नहीं थी, बल्कि यह एक सच्चाई थी जिसे अब समय की जरूरत है।

इस कार्यक्रम के दौरान, गजेंद्र कुमार वर्मा, अशोक शर्मा, नवरत्न गुप्ता, सुधा शर्मा, सौरभ चौधरी, संगीता शर्मा, रामकुमार गुप्ता, मोहित चौधरी, जितेंद्र कुमार, अर्जुन उपाध्याय और गुलशन तिवारी जैसे प्रमुख अधिवक्ताओं ने खून से लिखे पत्र पर हस्ताक्षर किए और न्यायमूर्ति यादव का समर्थन किया। सभी ने यह भी कहा कि अगर किसी ने न्यायमूर्ति यादव के खिलाफ कुछ भी गलत किया, तो वे किसी भी तरह की कार्रवाई से नहीं डरेंगे और न्याय की लड़ाई जारी रखेंगे।

इस दौरान अधिवक्ताओं ने यह भी स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य न्यायपालिका की स्वतंत्रता और संविधान की रक्षा करना है, और वे किसी भी दबाव के आगे झुकने के बजाय अपने देश और संविधान के साथ खड़े रहेंगे। यह आंदोलन केवल एक व्यक्ति के समर्थन में नहीं, बल्कि पूरे न्यायपालिका और संविधान की रक्षा के लिए था।

अधिवक्ताओं ने यह भी कहा

कि लोकतंत्र में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विचारों की विविधता को सम्मान दिया जाना चाहिए, और न्यायमूर्ति यादव का बयान उस परिप्रेक्ष्य में एक नागरिक के तौर पर भारत के वर्तमान राजनीतिक परिदृश्य पर विचार था। किसी भी व्यक्ति या समूह को सिर्फ इसलिए निशाना नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि उसने अपने विचार व्यक्त किए हैं, खासकर जब वह विचार सच्चाई को सामने लाते हों।

अधिवक्ताओं ने यह भी मांग की कि जो सांसद या अन्य लोग न्यायमूर्ति यादव के बयान पर आरोप लगा रहे हैं, उन्हें अपनी आलोचना का आधार स्पष्ट करना चाहिए और देश की न्यायपालिका की गरिमा का सम्मान करना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी भी प्रकार की न्यायिक स्वतंत्रता पर आंच आती है, तो अधिवक्ता समाज इसका विरोध करेगा और इसका मुकाबला करेगा।

अंततः, क्रांतिकारी अधिवक्ता संघ ने यह कड़ा संदेश दिया कि वे अपनी न्यायिक स्वतंत्रता और संविधान की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहेंगे और न्यायमूर्ति यादव के पक्ष में किसी भी कार्रवाई से पीछे नहीं हटेंगे। इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि भारतीय न्यायपालिका की स्वतंत्रता और संविधान की रक्षा के लिए अधिवक्ता समाज हमेशा एकजुट रहेगा।

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