मेरठ NEWS : शिव महापुराण कथा के दौरान भगदड़, 4 महिलाएं घायल…

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मेरठ 

व्यूरो चीफ

पंडित प्रदीप मिश्रा की शिव महापुराण कथा के दौरान रविवार को एक दुखद घटना घटी, जब कथा स्थल पर भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में चार महिलाएं घायल हो गईं। यह घटना उस समय हुई जब परतापुर के मैदान में आयोजित हो रही शिव महापुराण कथा के आखिरी दिन भारी भीड़ जमा हो गई थी। घटनास्थल पर मौजूद लोगों ने तुरंत स्थिति को संभालते हुए घायलों को नजदीकी अस्पतालों में पहुंचाया। राहत की बात यह रही कि घायलों की हालत खतरे से बाहर थी।

कथा का आयोजन और सुरक्षा में चूक

शिव महापुराण की कथा पिछले पांच दिनों से परतापुर के मैदान में चल रही थी और यह आयोजन पंडित प्रदीप मिश्रा के नेतृत्व में हो रहा था। इस कथा का आयोजन धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखता था, जहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेने के लिए पहुंचे थे। आयोजन के आखिरी दिन विशेष रूप से भारी भीड़ का अनुमान था, लेकिन सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम नहीं किए गए थे। पुलिस प्रशासन की तरफ से कथा स्थल पर उचित व्यवस्था की कमी के कारण यह घटना घटी।

मूल जानकारी के अनुसार, कथा स्थल पर गेट नंबर 1 पर भारी भीड़ जुट गई थी, और वहां भगदड़ मचने के कारण कुछ लोग गिर पड़े। एंट्री और एग्जिट के लिए अलग-अलग गेट बनाए गए थे, लेकिन भारी भीड़ के कारण लोग केवल एक ही गेट से अंदर और बाहर आ रहे थे, जिससे स्थिति और बिगड़ गई। अचानक बढ़ी भीड़ और अनुशासन की कमी के कारण यह घटना हुई, जिसमें चार महिलाएं घायल हो गईं।

स्थानीय लोगों ने संभाली स्थिति

घटना के बाद, स्थानीय निवासियों ने स्थिति को संभालने के लिए तत्परता दिखाई। आसपास के गांवों के लोग घटनास्थल पर पहुंचे और घायलों को सुरक्षित स्थानों पर ले गए। बाद में, उन्हें नजदीकी अस्पतालों में भेजा गया। राहत की बात यह है कि किसी भी घायल की हालत नाजुक नहीं थी। सभी घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद खतरे से बाहर बताया गया। घटना की जानकारी मिलने के बाद, प्रशासन और पुलिस की टीम घटनास्थल पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया।

स्थानीय लोगों का कहना है कि भगदड़ मचने के बाद, वे खुद घायलों की मदद के लिए पहुंच गए और घायलों को अस्पताल भेजने की प्रक्रिया में सहायता की। इस घटना के बाद, प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया और घटना के कारणों की जांच शुरू की।

प्रशासन की भूमिका पर सवाल

यह घटना सुरक्षा व्यवस्था की कमी को उजागर करती है। आयोजकों और पुलिस प्रशासन ने इस मामले में सुरक्षा इंतजामों को लेकर पर्याप्त सावधानी नहीं बरती। इस प्रकार के धार्मिक आयोजनों में भारी भीड़ का आना स्वाभाविक है, इसलिए आयोजकों और पुलिस की जिम्मेदारी बनती है कि वे सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करें। उचित बैरिकेडिंग, सुरक्षा गार्ड्स की तैनाती, और भीड़ नियंत्रित करने के लिए उपयुक्त उपायों की कमी ने इस तरह की घटना को जन्म दिया।

घटना के बाद, प्रशासन ने मामले को संज्ञान में लिया और कहा कि दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अधिकारियों की ओर से अब तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन स्थिति नियंत्रण में होने का दावा किया गया है।

अस्पताल में घायलों की स्थिति

घायलों में से कोई भी गंभीर रूप से घायल नहीं हुआ है। अस्पताल में इलाज के बाद सभी महिलाओं को छुट्टी दे दी गई। घायलों की स्थिति को लेकर अस्पताल सूत्रों का कहना है कि उनका इलाज कर लिया गया है और वे खतरे से बाहर हैं।

 

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