मथुरा
व्यूरो चीफ : चौधरी हरवीर सिंह
मगोर्रा गांव निवासी 18 वर्षीय प्रिया कुंतल की जिंदगी उस वक्त संकट में घिर गई, जब दो महीने पूर्व कालेज से घर लौटते समय उनका एक्सीडेंट हो गया। इस हादसे में प्रिया को कूल्हे की हड्डी में गंभीर चोट आई, जिससे उनका इलाज मथुरा के बड़े अस्पतालों में भी संभव नहीं हो सका। उम्र कम होने और चोट की गंभीरता को देखते हुए, डॉक्टरों ने उन्हें दिल्ली और जयपुर भेजने की सलाह दी। ऐसे में, प्रिया के परिजनों ने केएम सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल का रुख किया, जहां उनकी हालत पर गहन विचार किया गया और तुरंत उपचार की प्रक्रिया शुरू की गई।
केएम अस्पताल के हड्डी रोग विशेषज्ञ, प्रोफेसर डॉ. हर्षित जैन और सहायक प्रोफेसर डॉ. पंकज त्यागी ने प्रिया की गंभीर चोट का इलाज किया। डॉक्टरों ने बताया कि प्रिया के उल्टे पैर का गुल्ला (हेड) कप से बाहर निकल गया था और कूल्हे के जोड़ों का बाल्व भी टूटकर क्षतिग्रस्त हो गया था। इस स्थिति में, मरीज का तत्काल ऑपरेशन करना अत्यंत जरूरी था, ताकि चोट के प्रभाव को कम किया जा सके और आगे किसी प्रकार की अपंगता से बचा जा सके।
डॉ. हर्षित जैन ने बताया
कि प्रिया को हिप डिस्लोकेशन के साथ-साथ एसेटाबुलम फ्रैक्चर था। साथ ही, पैर की नस में भी सूजन थी। यह चोट काफी गंभीर थी और उपयुक्त इलाज न मिलने पर कूल्हे में सड़न, पैर में अपंगता जैसे समस्याएं उत्पन्न हो सकती थीं। लेकिन प्रिया के कम उम्र के कारण उपचार और भी चुनौतीपूर्ण हो सकता था। बावजूद इसके, उनके परिवार ने केएम अस्पताल की हड्डी रोग विशेषज्ञ टीम पर पूर्ण विश्वास व्यक्त किया और ऑपरेशन कराने का निर्णय लिया।
डॉ. पंकज त्यागी ने बताया कि प्रिया की सर्जरी का पहला चरण अस्पताल में भर्ती होने के तुरंत बाद किया गया था। इस सर्जरी में कूल्हे के जोड़ों को सही स्थान पर स्थापित किया गया। अगले दिन, एक और सर्जरी की गई, जिसमें कूल्हे के बाल्व और कटोरी का ऑपरेशन किया गया। इस सर्जरी में डॉ. हर्षित जैन और डॉ. पंकज त्यागी के अलावा निश्चेतक विशेषज्ञ डॉ. अचल जैन, तकनीशियन नवीन और सोनू का महत्वपूर्ण योगदान रहा।
सर्जरी के बाद प्रिया की हालत में तेजी से सुधार हुआ।
विभागाध्यक्ष डॉ. हर्षित जैन ने बताया कि अब प्रिया पूरी तरह से स्वस्थ हैं और अपने पैरों पर अच्छी तरह से चलने लगी हैं। यह सफलता केवल डॉक्टरों की विशेषज्ञता और उनकी मेहनत का परिणाम नहीं थी, बल्कि केएम अस्पताल की अत्याधुनिक सुविधाओं और टीमवर्क का भी एक अहम हिस्सा था। प्रिया के परिजनों ने डॉक्टरों की टीम और अस्पताल की उच्च गुणवत्ता वाली सेवा की दिल से सराहना की। वे कहते हैं कि पहले उन्हें यह डर था कि क्या उनकी बेटी कभी चल पाएगी या नहीं। लेकिन अब, दो महीने बाद, प्रिया न केवल खड़ी हो पा रही हैं, बल्कि चलने भी लगी हैं।
केएम विश्वविद्यालय के कुलाधिपति किशन चौधरी, प्रो. वाइस चांसलर डॉ. शरद अग्रवाल, एडीशनल मेडिकल सुपरिंटेंडेंट डॉ. आरपी गुप्ता और मेडिकल प्राचार्य डॉ. पीएन भिसे ने हड्डी विभाग की पूरी टीम को सफल ऑपरेशन के लिए बधाई दी और उनकी कड़ी मेहनत और उत्कृष्टता की सराहना की।
यह सफलता एक उदाहरण है
कि कैसे सही समय पर उपचार और विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम से मिलकर गंभीर से गंभीर परिस्थितियों का समाधान किया जा सकता है। प्रिया के इलाज के बाद उनके परिवार में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है, और वे अब उम्मीद के साथ अपनी बेटी के स्वस्थ जीवन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।
प्रिया की इस सफलता से यह साबित हुआ है कि चिकित्सा क्षेत्र में विश्वास और सही उपचार के साथ किसी भी चुनौती को पार किया जा सकता है। केएम अस्पताल की हड्डी रोग विभाग की टीम ने यह साबित कर दिया कि मुश्किल से मुश्किल मामलों में भी पूरी मेहनत और समर्पण से सफलता हासिल की जा सकती है।