अलीगढ़ NEWS : वीर बाल दिवस गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों की शहादत को याद किया…
अलीगढ़
संवाददाता : योगेश उपाध्याय
मंगलवार को केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के कैम्प कार्यालय के सभागार में वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में पंकज चौधरी मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की और उन्होंने गुरु गोबिंद सिंह के साहिबजादों, बाबा जोरावर सिंह और बाबा फतेह सिंह के अद्वितीय बलिदान को याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि धर्म की रक्षा करते हुए दोनों वीर बालकों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जिसे कोई भी भारतीय कभी भुला नहीं सकता।
साहिबजादों के बलिदान की गौरवगाथा
केन्द्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने वीर बाल दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि गुरु गोबिंद सिंह जी के चार साहिबजादों ने अपने प्राणों की आहुति दी, लेकिन उन्होंने अपने धर्म और देश के प्रति अपनी निष्ठा को कभी नहीं छोड़ा। पंकज चौधरी ने कहा कि यह महान वीर बच्चे थे जिन्होंने अपने छोटे-छोटे जीवन में ही हमारे देश को यह संदेश दिया कि शिक्षा, संस्कार, और निडरता के साथ खड़ा होना किसी भी कठिनाई से जूझने की ताकत प्रदान करता है।
उन्होंने कहा कि आज के युवा इन वीर बालकों से प्रेरणा ले सकते हैं। उनके बलिदान ने न केवल धर्म की रक्षा की, बल्कि हमारे राष्ट्र को एक नई दिशा भी दी। यह बलिदान हमें यह सिखाता है कि किसी भी संकट या कठिनाई के बावजूद हमें अपने धर्म और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों को निभाना चाहिए।
निडरता और राष्ट्रभक्ति का संदेश
पंकज चौधरी ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि सही मायनों में महापुरुष वही होते हैं, जिन्होंने अपनी मातृभूमि और धर्म की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी। उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा और संस्कार देने की आवश्यकता है, ताकि वे भी अपने राष्ट्र और धर्म के प्रति निष्ठावान बन सकें। ये संस्कार न केवल जीवन में सफलता दिलाते हैं, बल्कि यह हमें निडर बनाते हैं और हमारे अंदर राष्ट्रभक्ति का जज्बा पैदा करते हैं।
भारत का पुनः विश्व गुरु बनने का आह्वान
केन्द्रीय मंत्री ने इस अवसर पर यह भी कहा कि भारत का हर नागरिक अपने राष्ट्र के लिए समर्पित था और रहेगा, ताकि भारत देश पुनः विश्व गुरु बन सके। उन्होंने कहा कि वीर बालकों की शहादत को याद करना और उनके आदर्शों से प्रेरणा लेना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि हमारी आने वाली पीढ़ी भी अपने कर्तव्यों का पालन कर सके।
वीर बाल दिवस की ऐतिहासिक महत्वता
पंकज चौधरी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद 26 दिसंबर को गुरु गोबिंद सिंह जी के साहिबजादे जोरावर सिंह और फतेह सिंह के बलिदान की स्मृति में बीर बाल दिवस (साहिबजादा दिवस) मनाया जाने लगा है। उन्होंने कहा कि औरंगजेब के शासनकाल के दौरान भारत में उन लोगों की हत्या कर दी जाती थी जो इस्लाम धर्म को स्वीकार नहीं करते थे। ऐसे कठिन समय में गुरु गोबिंद सिंह जी के बेटों ने अपने धर्म और देश के लिए प्राणों की आहुति दी। औरंगजेब ने इन्हें जिंदा दीवारों में चिनवाकर उनका बलिदान किया, लेकिन इन वीर बालकों के संघर्ष ने पूरी दुनिया में धर्म की रक्षा का संदेश दिया।
संगोष्ठी में अन्य प्रमुख नेता की उपस्थिति
संगोष्ठी में भाजपा जिलाध्यक्ष कृष्ण पाल लाला, गोपाल जायसवाल, प्रमोद त्रिपाठी, पूर्व जिलामहामंत्री महराजगंज, सानंदन पटेल, शांति शरण मिश्रा, बाबुनंदन शर्मा, मुन्ना शुक्ला, नंदलाल अंबेडकर, आकाश श्रीवास्तव, आकाश गुप्ता, बबलू यादव सहित कई अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। इन सभी ने वीर बालकों के अदम्य साहस और बलिदान को याद किया और उनके योगदान को हमेशा याद रखने की बात कही।
समापन में विचार
संगोष्ठी के समापन पर पंकज चौधरी ने सभी उपस्थित लोगों से अपील की कि वे वीर बालकों के साहस और बलिदान से प्रेरणा लें और समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए उनके आदर्शों का पालन करें। उन्होंने कहा कि यह दिन हमें अपने वीर शहीदों को नमन करने और उनके योगदान को याद करने का अवसर प्रदान करता है।
संगोष्ठी के माध्यम से यह संदेश गया कि वीर बाल दिवस सिर्फ एक इतिहासिक दिन नहीं है, बल्कि यह दिन हमारे देश के वीर बेटों के बलिदान को याद करने और उनके आदर्शों से प्रेरित होने का दिन है।