अलीगढ़
संवाददाता : संजय भारद्वाज
सराय रहमान क्षेत्र में स्थित एक 49 वर्ष पुराने मंदिर को आज विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने कब्जा मुक्त करवा लिया। यह मंदिर एक ऐसे क्षेत्र में स्थित था, जहां समुदाय विशेष की संख्या अधिक थी और मंदिर चारों ओर से समुदाय विशेष के लोगों द्वारा घिरा हुआ था। इस क्षेत्र में हिंदू समुदाय के लोग पलायन कर चुके थे।
सूत्रों के अनुसार, मंदिर की मूर्तियों को पहले ही अज्ञात लोगों द्वारा तोड़ दिया गया था, और मंदिर के अंदर स्थित शिवलिंग भी दबा दिया गया था। लेकिन आज सुबह जब विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को इस बारे में जानकारी मिली, तो उन्होंने तुरंत कार्रवाई की। कार्यकर्ताओं ने मंदिर के मलबे को हटाया और अंततः दबा हुआ शिवलिंग पुनः प्राप्त हुआ।
मंदिर की सफाई के दौरान बजरंग दल के महानगर संयोजक दीपक राजपूत और सह संयोजक अंकुर शिवाजी ने अपने कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर
मंदिर के अंदर और उसके आस-पास का मलबा हटाया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने पाया कि शिवलिंग एक फुट मिट्टी के ढेर के नीचे दबा हुआ था। सफाई के बाद यह भी पता चला कि मंदिर के शिव परिवार की मूर्तियों को भी तोड़ दिया गया था, और प्रकट शिवलिंग को भी खंडित कर दिया गया था।
इसके अलावा, मंदिर के पीछे दीवार पर यह संकेत मिले कि वहां श्रीहनुमान जी का विग्रह भी रहा होगा, जिसे तोड़ दिया गया था। मंदिर के कपाट भी तोड़े गए थे। बताया जा रहा है कि मंदिर के पीछे की दीवार को अयूब पुत्र बाबू खां द्वारा बनवाया गया था और मंदिर के परिक्रमा मार्ग को भी अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया था। इस पर भी एक नई दीवार बनाई गई थी।
सूत्रों के अनुसार, मंदिर के पुनर्निर्माण का कार्य बहुत तेजी से चलाया जा रहा था और अगर एक दिन की भी देरी होती, तो मंदिर के ऊपर एक लेंटर डालकर अवैध निर्माण के अंदर मंदिर को छुपा लिया जाता। इसके अलावा, कार्यकर्ताओं ने यह भी संदेह जताया कि मंदिर के आसपास एक कुआं भी हो सकता है, जिसे दबाया गया हो।
विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इस घटनाक्रम को एक बड़ी सफलता के रूप में देखा
इस मंदिर को पुनः हिंदू समाज के हाथों में सौंपने की घोषणा की। अब इस स्थान पर भव्य हनुमान चालीसा और आरती पाठ का आयोजन किया जाएगा। कार्यकर्ताओं ने यह भी बताया कि अब यहां नियमित रूप से हनुमान चालीसा और आरती की जाएगी, ताकि मंदिर की धार्मिक गतिविधियां फिर से शुरू हो सकें।
इस अवसर पर विश्व हिन्दू परिषद के प्रान्त सोशल मीडिया प्रमुख प्रतीक रघुवंशी, महानगर मंत्री मयंक कुमार, बजरंग दल के प्रखंड संयोजक योगेंद्र सिंह, देव सोनी, जुबिन सहित अन्य कार्यकर्ता भी उपस्थित रहे। उन्होंने इस मौके पर कहा कि यह घटना हिंदू समाज की एकता और बलिदान की मिसाल है, और वे इसके माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि हिंदू समाज अपनी धार्मिक धरोहरों की रक्षा के लिए हमेशा तत्पर रहेगा।
इस घटना के बाद मंदिर को पुनः कब्जा मुक्त करवाने और शिवलिंग की पुनः प्राप्ति को लेकर स्थानीय हिंदू समुदाय में खुशी की लहर है। लोग इस कदम को एक ऐतिहासिक पल के रूप में देख रहे हैं, जो न केवल धार्मिक स्वतंत्रता की जीत है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि हिंदू समाज अपनी धरोहरों की रक्षा के लिए एकजुट है।
विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल के इस कदम से यह साफ संदेश गया है कि हिंदू समाज अब अपने धार्मिक स्थल और मान्यताओं के लिए खड़ा होगा और किसी भी स्थिति में इनका अपमान नहीं सहन करेगा।