योगीराज अनिल शर्मा का जन्मोत्सव, ध्यान योग की महिमा पर प्रकाश

बुलंदशहर
संवाददाता : अमित सक्सेना
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सिकंदराबाद रोड स्थित आढ़ा गांव में श्री सिद्ध वाटिका धाम में योगीराज अनिल शर्मा का जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर आयोजित प्रवचन में योगीराज ने अपने शिष्यों को योग के महत्व और ध्यान योग के बारे में गहरी शिक्षा दी। उन्होंने कहा कि योग के मार्ग पर चलकर कोई भी व्यक्ति मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। विशेष रूप से ध्यान करने वाले व्यक्ति को परमात्मा की प्राप्ति निश्चित होती है।
योगीराज अनिल शर्मा ने अपने शिष्यों से दो घंटे ध्यान और एक घंटा मंत्र जप करने की अपेक्षा की। उन्होंने बताया कि हर व्यक्ति को अपने गुरु द्वारा दिए गए मंत्रों का निरंतर जप और ध्यान करना चाहिए, क्योंकि इससे न केवल मानसिक शांति मिलती है, बल्कि आत्मिक उन्नति भी होती है।
इस दौरान उन्होंने अपने गुरुदेव के बारे में भी विस्तार से बताया। योगीराज ने कहा कि उनके गुरुदेव आज भी हिमालय में विराजमान हैं और हमेशा अपने शिष्यों पर कृपा दृष्टि बनाए रखते हैं। उन्होंने बताया कि बड़े-बड़े सिद्ध संत भी उनके गुरुदेव की एक दृष्टि पाने के लिए तपस्या करते हैं। योगीराज ने अपने गुरुदेव को पूर्ण सदाशिव बताया और कहा कि हमें उसी परम सत्ता के द्वारा बताए मार्ग पर चलना चाहिए।
उन्होंने ध्यान योग की महिमा पर भी प्रकाश डाला। योगीराज ने कहा कि ध्यान योग मार्ग ऐसा है, जिसे लगातार अभ्यास करते हुए व्यक्ति मोक्ष की प्राप्ति कर सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि सुख, दुख और दर्द हमारे पूर्व जन्म के संस्कार होते हैं और यह जीवन में निश्चित रूप से आते हैं। लेकिन निरंतर अभ्यास से इन क्लिष्ट संस्कारों को समाप्त किया जा सकता है।
योगीराज ने बताया कि मनुष्य वही जीव है जो 84 लाख योनियों के बाद मनुष्य शरीर प्राप्त करता है। इस जीवन को व्यर्थ न गवाएं, बल्कि ध्यान योग का रास्ता अपनाकर जीवन-मरण के बंधनों से मुक्त हो मोक्ष की प्राप्ति करें।
इस मौके पर भजन कीर्तन का आयोजन भी किया गया, जो भोजन प्रसादी के उपरांत समाप्त हुआ। कार्यक्रम के अंत में सभी भक्तों ने योगीराज अनिल शर्मा से आशीर्वाद प्राप्त किया और उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।