बागपत संवाददाता प्रदीप पांचाल
हिंडन नदी का पानी उफान पर आने से बागपत के कई गांवों में किसानों की आलू और गेहूं की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं
हिंडन नदी का पानी उफान पर आने से बागपत के कई गांवों में किसानों की आलू और गेहूं की फसलें पूरी तरह से बर्बाद हो गई हैं सिंगोली तगा, फुलेरा, सरफाबाद, गोना, पूरनपुर नवादा और गढ़ी कलंजरी जैसे आधा दर्जन गांवों के किसानों को भारी नुकसान हुआ है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर गंभीर असर पड़ा है।
सिरौली के भंवर सिंह, सरफाबाद के राकेश, भोपाल, मुन्ना शेख, विद्याराम, महक सिंह और नरेंद्र कुमार जैसे किसानों की करीब 200 बीघा आलू की फसल पानी में डूब गई है। इन किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग करते हुए कहा है कि अगर शीघ्र उनकी मदद नहीं की गई, तो उनके परिवारों का पालन-पोषण करना मुश्किल हो जाएगा।
किसानों ने प्रशासन से अपील की है कि बर्बाद हुई फसलों का तुरंत सर्वे कराकर उचित मुआवजा दिया जाए। उनका आरोप है कि प्रशासन ने जलभराव को रोकने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिससे यह समस्या उत्पन्न हुई।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले दो साल से धान की फसल बर्बाद हो रही थी, लेकिन इस बार रबी सीजन में आलू और सरसों की फसल भी बर्बाद हो गई। सिंचाई विभाग के अधिकारियों से पूछताछ करने पर उन्हें बताया गया कि गंग नहर से छोड़े गए पानी के कारण हिंडन नदी में उफान आया, जिससे यह स्थिति पैदा हुई।
किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी समस्याओं का समाधान शीघ्र नहीं किया गया, तो वे धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।