बिजनौर NEWS : मानव-गुलदार संघर्ष निवारण हेतु वन विभाग और पत्रकारों ने वितरित

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बिजनौर

संवाददाता : अमीन अहमद 

जंगलों और खेतों में काम करने वाले किसानों और मजदूरों को गुलदार और अन्य वन्य जीवों के हमलों से बचाने के उद्देश्य से वन विभाग और मीडिया कर्मियों ने संयुक्त रूप से एक कार्यक्रम आयोजित किया। इस कार्यक्रम के तहत, सभी को विशेष मास्क वितरित किए गए, जिनके बारे में वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इन मास्कों का उपयोग जंगल और खेतों में काम करने वाले लोगों की सुरक्षा के लिए किया जाएगा।

कार्यक्रम का उद्देश्य
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य किसानों, खेत मजदूरों और अन्य स्थानीय लोगों को गुलदार और अन्य वन्य जीवों के हमलों से बचाना था। धामपुर क्षेत्र के क्षेत्रीय वन अधिकारी, गोविंद राम गंगवार ने बताया कि ये मास्क इस तरह से डिजाइन किए गए हैं कि जब इन्हें पहना जाता है, तो यह व्यक्ति को इस तरीके से दिखता है जैसे वह वन्य जीव को घूर रहा हो। गुलदार जैसे जानवरों के लिए यह घूरना एक खतरे का संकेत माना जाता है, जिससे वे हमले का इरादा छोड़ देते हैं। गोविंद राम गंगवार ने कहा कि इन मास्कों का उद्देश्य गुलदार को डराना है, ताकि वह किसी भी तरह का हमला करने से पहले पुनः सोचने पर मजबूर हो जाए।

मास्क के लाभ और उपयोग
मास्क का डिज़ाइन इस तरह किया गया है कि यह सामने से नहीं बल्कि पीछे से पहना जाए। जब इसे इस प्रकार पहना जाता है, तो यह प्रतीत होता है कि व्यक्ति सीधे गुलदार को घूर रहा है, जिससे गुलदार को खतरे का आभास होता है। क्षेत्रीय वन अधिकारी ने बताया कि यह उपाय जंगलों और खेतों में काम करने वाले लोगों के लिए बहुत फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि जंगलों और खेतों में काम करते समय इस तरह के हमले हो सकते हैं। इस पहल को लेकर किसानों और मजदूरों में काफी उत्साह देखा गया, क्योंकि यह उनका सुरक्षा स्तर बढ़ाने का एक प्रभावी उपाय हो सकता है।

अधिकारी ने की सुरक्षा उपायों की अपील
इस कार्यक्रम में उप श्रेत्रीय अधिकारी विजय भारत सिंह ने भी अपनी बात रखी और सभी से अपील की कि वे जब भी खेतों और जंगलों में जाएं, तो इस प्रकार के मास्क का उपयोग जरूर करें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि लोगों को अकेले जंगलों और खेतों में नहीं जाना चाहिए, बल्कि हमेशा झुंड में साथ चलना चाहिए। विजय भारत सिंह ने यह भी बताया कि इन मास्कों के अलावा, कई अन्य सुरक्षा उपाय भी उठाए जा रहे हैं, ताकि इन हमलों को कम किया जा सके।

कार्यक्रम में उपस्थित लोग
इस कार्यक्रम में पत्रकारों और वन विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ समाज सेवी भी मौजूद रहे। पत्रकारों में अमीन अहमद, शानू सिद्दीकी, संजय शर्मा, इमरान सिद्दीकी और कामिल हसन का नाम प्रमुख था। इसके अलावा, वन विभाग से हरदेव सिंह, राधे श्याम, लखमी चंद्र, तेजपाल सिंह, दीपा सेनी और उमा रानी भी कार्यक्रम में शामिल थे। समाज सेवी मो. रिहान भी इस कार्यक्रम का हिस्सा बने और उन्होंने इस पहल की सराहना की।

समाज में बढ़ रही जागरूकता
इस कार्यक्रम ने समाज में वन्य जीवों से बचने के लिए जागरूकता बढ़ाई है। गुलदार और अन्य वन्य जीवों से बचने के लिए कई बार किसानों और मजदूरों पर हमले हो चुके हैं, और इस तरह के हमलों को रोकने के लिए वन विभाग और समाज के विभिन्न हिस्सों द्वारा ऐसे उपायों की आवश्यकता महसूस की जा रही थी। इस पहल ने न केवल लोगों को सुरक्षा उपायों के बारे में जागरूक किया, बल्कि उनके मनोबल को भी बढ़ाया है।

समाप्ति और भविष्य की योजनाएँ
कार्यक्रम का समापन करते हुए गोविंद राम गंगवार ने कहा कि इस पहल का उद्देश्य केवल मास्क वितरित करना नहीं, बल्कि समाज में वन्य जीवों के प्रति जागरूकता बढ़ाना भी है। उन्होंने यह भी बताया कि भविष्य में वन विभाग इस तरह के और कार्यक्रम आयोजित करेगा, ताकि अधिक से अधिक लोग वन्य जीवों से संबंधित खतरों के बारे में जागरूक हो सकें और अपने जीवन को सुरक्षित रख सकें। इसके अलावा, वन विभाग आने वाले समय में और अधिक सुरक्षा उपकरणों की योजना बना रहा है, ताकि गुलदार और अन्य वन्य जीवों से होने वाले हमलों को रोका जा सके।

इस कार्यक्रम ने यह साबित कर दिया कि जब समाज के विभिन्न हिस्से मिलकर काम करते हैं, तो कोई भी समस्या हल हो सकती है। वन विभाग और मीडिया कर्मियों की यह पहल निश्चित रूप से एक सकारात्मक कदम है, जो किसानों और मजदूरों की सुरक्षा में मददगार साबित होगा।

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