बिजनौर
संवाददाता : अमीन अहमद
बढ़ापुर थाना क्षेत्र में तैनात दरोगा ललित कुमार को क्षेत्र में बढ़ती चोरी की घटनाओं और अपराध नियंत्रण में नाकामी के आरोप में एसपी अभिषेक ने निलंबित कर दिया है। ललित कुमार को थाने में हल्का नंबर तीन का प्रभारी नियुक्त किया गया था, लेकिन उनकी कार्यशैली और अपराधियों पर प्रभावी निगरानी न रखने के कारण उन्हें यह कड़ी कार्रवाई का सामना करना पड़ा।
आरोपों की सच्चाई
दरोगा ललित कुमार पर कई गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सबसे प्रमुख आरोप यह है कि वे क्षेत्र में हो रही चोरियों और अपराधों पर नियंत्रण नहीं रख पाए। बढ़ापुर थाना क्षेत्र में इनायतपुर गांव से हुई दो बाइक चोरियों का खुलासा करने में वे नाकाम साबित हुए। क्षेत्र में गोकशी से संबंधित अपराधों की निगरानी भी ठीक तरीके से नहीं की गई। इसके अलावा, अपराध नियंत्रण के लिए नियमित गश्त न करने और क्षेत्र में सक्रिय अपराधियों पर प्रभावी कार्रवाई न करने की भी शिकायतें थीं।
इनायतपुर में बाइक चोरी का मामला
इनायतपुर गांव में दो बाइक चोरी की घटनाएँ हुईं थीं। यह घटनाएँ पुलिस के लिए चुनौती बन गई थीं, क्योंकि चोरी की घटनाओं को रोकने और उनका खुलासा करने में दरोगा ललित कुमार पूरी तरह से विफल रहे। पुलिस द्वारा इस मामले की गंभीरता से जांच की गई, लेकिन दरोगा ललित कुमार द्वारा उचित कदम न उठाने की वजह से मामले का कोई ठोस हल नहीं निकल सका।
यह घटना पुलिस विभाग के लिए शर्मिंदगी का कारण बनी, क्योंकि इस प्रकार की घटनाएँ आमतौर पर पुलिस प्रशासन की नाकामी को उजागर करती हैं। जब जनता में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे, तो यह प्रशासन के लिए एक बड़ी चुनौती बन जाती है।
प्रारंभिक जांच रिपोर्ट और निलंबन की कार्रवाई
क्षेत्राधिकारी नजीबाबाद द्वारा की गई प्रारंभिक जांच रिपोर्ट में यह सामने आया कि दरोगा ललित कुमार अपनी जिम्मेदारियों को ठीक से निभाने में नाकाम रहे हैं। जांच रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि उन्होंने गोकशी के मामलों और अन्य अपराधों में सक्रिय अपराधियों की निगरानी भी ठीक से नहीं की। इसके परिणामस्वरूप एसपी अभिषेक ने बिना देर किए दरोगा ललित कुमार को निलंबित कर दिया।
एसपी अभिषेक का कहना था कि पुलिस विभाग में अनुशासन और जिम्मेदारी बेहद महत्वपूर्ण हैं। किसी भी कर्मचारी का अगर कार्य निष्कलंक नहीं होता है और वह अपनी जिम्मेदारियों का ठीक से निर्वहन नहीं करता, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाती है। दरोगा ललित कुमार के मामले में भी यही हुआ।
विभागीय कार्यवाही की शुरुआत
निलंबन के साथ-साथ दरोगा ललित कुमार के खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरू की गई है। पुलिस विभाग की आंतरिक जांच में यह देखा जाएगा कि ललित कुमार ने अपनी जिम्मेदारियों का पालन किस हद तक किया और उनकी कार्यप्रणाली में कहां चूक हुई। यह जांच पूरी होने के बाद यह तय किया जाएगा कि उनके खिलाफ आगे किस प्रकार की कार्रवाई की जाएगी।
क्षेत्र में अपराधों की बढ़ती घटनाएँ
बढ़ापुर थाना क्षेत्र में अपराधों की बढ़ती घटनाओं को लेकर जनता में असंतोष देखा जा रहा था। चोरी, लूटपाट, और गोकशी के मामलों की बढ़ती संख्या ने क्षेत्र में असुरक्षा की भावना को जन्म दिया था। इससे पहले भी कई बार पुलिस प्रशासन से इन घटनाओं को रोकने की उम्मीद की गई थी, लेकिन उचित कदम न उठाए जाने के कारण स्थिति और बिगड़ती चली गई।
थाना प्रभारी के रूप में ललित कुमार की कार्यशैली पर सवाल उठाए गए थे, क्योंकि वे इलाके में हो रहे अपराधों के प्रति संवेदनशील नहीं दिखे। विशेष रूप से गोकशी और चोरी की घटनाओं में पुलिस की निष्क्रियता के कारण लोगों ने आरोप लगाए कि अपराधियों को कोई डर नहीं था। इसके चलते, जनता ने पुलिस प्रशासन के खिलाफ आवाज उठानी शुरू की थी।
प्रतिक्रिया और प्रशासन की ओर से आश्वासन
दरोगा ललित कुमार के निलंबन के बाद पुलिस प्रशासन ने यह स्पष्ट किया है कि अब अपराधों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी और आरोपियों के खिलाफ शीघ्र कार्रवाई की जाएगी। एसपी अभिषेक ने कहा कि भविष्य में किसी भी पुलिस कर्मी को अपनी जिम्मेदारी से भागने नहीं दिया जाएगा और जो भी पुलिसकर्मी अपराधियों से मिलीभगत करेगा या अपनी जिम्मेदारी निभाने में विफल रहेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
समाप्ति और आगे की दिशा
ललित कुमार के निलंबन और विभागीय कार्यवाही से पुलिस विभाग में एक सख्त संदेश गया है कि अपराध नियंत्रण में किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अब देखना यह है कि निलंबन के बाद विभागीय कार्रवाई किस दिशा में जाती है और क्या यह पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली में सुधार लाने में सक्षम होगी।
इस पूरे घटनाक्रम से यह साफ है कि पुलिस प्रशासन को अपनी कार्यशैली में सुधार की आवश्यकता है, ताकि क्षेत्रीय जनता का विश्वास बहाल किया जा सके और अपराधियों पर सख्ती से नियंत्रण पाया जा सके।