महिला दरोगा हिमांशी जी ने इस कार्यक्रम के दौरान सबसे पहले महिलाओं को बताया
कि सरकार ने महिलाओं के लिए कई योजनाएं बनाई हैं, जिनका उद्देश्य उन्हें सशक्त बनाना और उनके अधिकारों की रक्षा करना है। उन्होंने कहा कि अगर किसी महिला को कोई भी शारीरिक, मानसिक या सामाजिक उत्पीड़न का सामना करना पड़े, तो उसे अकेला नहीं छोड़ना चाहिए। इसके लिए पुलिस प्रशासन हमेशा मदद के लिए तैयार है और किसी भी समस्या के समाधान में उनकी सहायता करेगा।
महिला दरोगा ने विशेष रूप से पुलिस द्वारा संचालित हेल्पलाइन नंबरों के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा, “अगर आपको किसी प्रकार की समस्या का सामना हो, तो आप टोल फ्री नंबर 112 पर कॉल करके तत्काल पुलिस सहायता प्राप्त कर सकती हैं। इसके अलावा, महिला हेल्पलाइन नंबर 1090 भी उपलब्ध है, जहां आप अपनी परेशानियों के बारे में गोपनीय रूप से बात कर सकती हैं और आवश्यक सहायता प्राप्त कर सकती हैं।” इस जानकारी ने ग्राम पंचायत की महिलाओं को बहुत राहत दी, क्योंकि बहुत सी महिलाएं इस प्रकार के सुरक्षा उपायों के बारे में अवगत नहीं थीं।
महिला दरोगा हिमांशी जी ने यह भी बताया
कि महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों की गंभीरता को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने कई विशेष पहलें शुरू की हैं, जिनमें महिलाओं के लिए अलग से शरण स्थल और काउंसलिंग सेवाएं शामिल हैं। इसके अलावा, अगर किसी महिला को किसी भी प्रकार का शारीरिक या मानसिक उत्पीड़न होता है, तो उसे पुलिस प्रशासन द्वारा पूरी सहायता दी जाएगी और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने महिलाओं से अपील की कि वे बिना किसी डर के अपनी समस्याओं का समाधान पुलिस से प्राप्त करें, क्योंकि उनकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है।
ग्राम की महिलाओं ने महिला दरोगा हिमांशी जी के इस कार्यक्रम को बहुत सराहा। महिलाओं का कहना था, “हमें आज तक इन योजनाओं और हेल्पलाइन नंबरों के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। आज दरोगा मैडम ने हमें पूरी जानकारी दी है, जिससे हमें अपनी सुरक्षा के बारे में पूरी जानकारी मिली है। हम अब बिना डर के अपनी समस्याओं को पुलिस तक पहुंचा सकती हैं।” महिलाओं ने यह भी कहा कि इस प्रकार की जागरूकता मुहिम से न केवल उनकी सुरक्षा सुनिश्चित होगी, बल्कि समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और समानता भी बढ़ेगी।
इस कार्यक्रम में महिला सशक्तिकरण के बारे में भी विस्तार से चर्चा की गई।
महिला दरोगा ने महिलाओं को यह समझाने की कोशिश की कि वे समाज में अपनी पहचान बनाएं, आत्मनिर्भर बनें और अपनी समस्याओं को सुलझाने में आत्मविश्वास रखें। उन्होंने कहा कि नारी सशक्तिकरण का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को उनके अधिकारों और स्वतंत्रता के प्रति जागरूक करना है, ताकि वे अपने जीवन के फैसले खुद ले सकें और किसी भी प्रकार के उत्पीड़न का विरोध कर सकें।
कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं ने नारी सशक्तिकरण अभियान का समर्थन किया और यह संकल्प लिया कि वे इस अभियान के तहत अपनी आवाज उठाएंगी और महिलाओं के अधिकारों की रक्षा करेंगी। सभी महिलाओं ने मिलकर यह सुनिश्चित किया कि वे अब महिलाओं के खिलाफ होने वाले किसी भी प्रकार के अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाने से पीछे नहीं हटेंगी और न ही किसी तरह की शोषण की स्थिति को सहन करेंगी।
इस जागरूकता कार्यक्रम का असर पूरे गाँव में देखा गया,
जहां महिलाएं एकजुट होकर अपनी सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के प्रति गंभीर नजर आ रही थीं। यह कार्यक्रम सिर्फ एक जानकारी सत्र नहीं था, बल्कि यह एक बड़ा बदलाव लाने का कदम था, जो महिला सशक्तिकरण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
ग्राम पंचायत की महिलाएं अब इस अभियान को और भी बढ़ावा देने का संकल्प ले रही हैं और अपने गांव की अन्य महिलाओं को भी इस बारे में जागरूक करने के लिए तैयार हैं। सभी महिलाओं ने एकजुट होकर यह निर्णय लिया कि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक रहेंगी और कभी भी किसी भी प्रकार के उत्पीड़न को सहन नहीं करेंगी।