बिजनौर
संवाददाता : अमीन अहमद
नगीना थाना क्षेत्र के रायपुर सादात गांव में विवादित जमीन पर हो रहे निर्माण कार्य को लेकर किसानों ने विरोध प्रदर्शन किया।
इस विरोध में किसानों और पुलिस के बीच जमकर नोकझोंक हुई, जिससे माहौल तनावपूर्ण हो गया। किसानों का आरोप था कि पुलिस स्थानीय प्रशासन की मदद से अवैध तरीके से विवादित जमीन पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है।
यह घटनाक्रम उस समय सामने आया जब किसान नेता दिगंबर सिंह ने पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) नगीना, भरत सोनकर की भूमिका को संदिग्ध बताते हुए
आरोप लगाया कि प्रशासन और पुलिस किसानों के खिलाफ पक्षपाती कार्रवाई कर रहे हैं। उनके अनुसार, पुलिस न केवल किसानों के खिलाफ कार्रवाई कर रही थी, बल्कि उनके साथ अभद्र व्यवहार भी कर रही थी, जो कि पूरी तरह से अनुचित था।
किसानों का आरोप: अवैध कब्जे की कोशिश
किसान संघ के नेताओं ने आरोप लगाया कि पुलिस के द्वारा रायपुर सादात गांव में स्थित एक विवादित जमीन पर निर्माण कार्य कराया जा रहा था, जिस पर किसानों का हक है। किसानों का कहना था कि यह जमीन उनके परिवारों द्वारा पीढ़ी दर पीढ़ी जोतकर इस्तेमाल की जा रही है,
लेकिन अब स्थानीय प्रशासन और पुलिस मिलकर उस पर अवैध कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों का आरोप था कि यह निर्माण कार्य बिना उनकी सहमति और बिना कानूनी प्रक्रिया के किया जा रहा है।
भाकियू अराजनैतिक नेता का बयान
इस मामले में भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के अराजनैतिक नेता ने भी अपनी आवाज उठाई। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि इस प्रकार की कार्रवाई पूरी तरह से अवैध और असंवैधानिक है। उनके अनुसार, यह मामला केवल जमीन के कब्जे का नहीं है,
बल्कि किसानों के अधिकारों की उपेक्षा और उनकी मेहनत को नजरअंदाज करने का भी है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस के द्वारा प्रशासन की मदद से किसानों को डराया-धमकाया जा रहा है, ताकि वे अपना हक छोड़ दें।
दिगंबर सिंह ने की पुलिस की आलोचना
किसान नेता दिगंबर सिंह ने पुलिस के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की और कहा कि नगीना के सीओ भरत सोनकर की भूमिका इस पूरे घटनाक्रम में संदिग्ध है। उनका आरोप था कि सीओ ने किसानों के खिलाफ जानबूझकर कठोर और अपमानजनक कार्रवाई की है।
उन्होंने यह भी कहा कि सीओ ने किसानों के शांतिपूर्ण विरोध को दबाने के लिए हिंसा का सहारा लिया और उनका अपमान किया। यह आरोप भी लगाया गया कि पुलिस द्वारा किसानों के साथ अभद्र व्यवहार किया गया और उन्हें बिना किसी कारण के परेशान किया गया।
किसानों का हंगामा और पुलिस की प्रतिक्रिया
किसानों के विरोध के बाद इलाके में हंगामा बढ़ गया, और स्थिति इतनी तनावपूर्ण हो गई कि पुलिस को अतिरिक्त बल तैनात करना पड़ा। विरोध कर रहे किसानों ने निर्माण स्थल पर धरना दिया और कहा कि
जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक वे वहां से नहीं हटेंगे। किसानों का मुख्य मांग यह थी कि अवैध निर्माण कार्य को रोका जाए और विवादित जमीन पर उनके हक को सुनिश्चित किया जाए।
पुलिस ने पहले तो किसानों को समझाने की कोशिश की, लेकिन स्थिति के बढ़ते तनाव को देखते हुए अधिकारियों ने अंततः निर्माण कार्य पर रोक लगा दी।
अधिकारियों ने यह घोषणा की
कि निर्माण कार्य को फिलहाल स्थगित किया जाएगा और मामले की जांच की जाएगी। पुलिस ने भी यह कहा कि इस मामले की विस्तृत जांच की जाएगी और जिन अधिकारियों ने किसानों के साथ गलत व्यवहार किया, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नगीना थाना क्षेत्र के रायपुर सादात का मामला
यह विवाद नगीना थाना क्षेत्र के रायपुर सादात गांव का है, जहां किसान अपनी भूमि को लेकर विरोध कर रहे हैं। किसान संगठनों ने दावा किया कि यह जमीन कृषि भूमि है, और इस पर किसी प्रकार के निर्माण कार्य की अनुमति नहीं दी जा सकती।
इसके अलावा, किसान नेताओं का कहना है कि यदि प्रशासन ने इस जमीन पर निर्माण कार्य को अनुमति दी तो यह किसानों के अधिकारों का उल्लंघन होगा और वे इसे कतई सहन नहीं करेंगे।
प्रशासन की कार्रवाई और जांच
हालांकि पुलिस ने फिलहाल निर्माण कार्य पर रोक लगा दी है, लेकिन प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए एक विशेष समिति बनाई है। अधिकारियों का कहना है कि जमीन के स्वामित्व का मुद्दा कानूनी तौर पर हल किया जाएगा और अगर कोई अवैध कब्जा किया गया है तो दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी।
इस घटना ने न केवल रायपुर सादात गांव बल्कि पूरे नगीना क्षेत्र में हलचल मचा दी है। किसान संगठनों ने कहा है कि यदि प्रशासन ने सही तरीके से इस मामले का समाधान नहीं किया तो वे बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन कर सकते हैं।
किसान नेता दिगंबर सिंह ने कहा कि अगर प्रशासन ने उनके हक को नजरअंदाज किया, तो किसान आगामी दिनों में और भी बड़े आंदोलन करेंगे।