माथुरा NEWS : राशन डीलर की मनमानी पर महिलाएँ सड़कों पर उतरीं,

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माथुरा 

व्यूरो चीफ : मथुरा

चौधरी हरवीर सिंह

गोवर्धन तहसील के ग्राम पंचायत रसूलपुर की उचित दर की दुकान पर राशन डीलर द्वारा राशन की मनमानी वितरण पर महिलाओं ने जोरदार विरोध प्रदर्शन किया। इस पूरे मामले में महिलाएं आरोप लगा रही हैं कि राशन डीलर, लाल सिंह, उन्हें राशन देते समय अजीब शर्तें लगाते हैं, जिसके कारण उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

प्रदर्शन कर रही महिलाओं का कहना है

कि राशन लेने के लिए उन्हें अक्सर सरफ की थैली (साबुन की थैली) भी लेनी पड़ती है, जबकि सरफ खराब है और उसे लेने का कोई औचित्य नहीं है। राशन डीलर का कहना है कि अगर सरफ की थैली नहीं ली जाएगी तो राशन नहीं दिया जाएगा। महिलाओं ने बताया कि कई बार तो उन्हें राशन का एक-दो किलो कम भी दिया जाता है।

ग्राम पंचायत रसूलपुर के उचित दर की दुकान पर राशन वितरण में हो रही इस मनमानी का खुलासा तब हुआ जब कई महिलाओं ने एक साथ मिलकर इस अत्याचार के खिलाफ आवाज उठाई। श्रीमती चित्र पत्नी रोतान सिंह, मुनेश सावल सिंह, कौशल्या पत्नी प्रेम सिंह, शांति देवी पत्नी नेम सिंह, कृष्णा देवी पत्नी मुकेश कुमार, चंद्रकांता पत्नी हेतराम शर्मा, सुनीता पत्नी खुशी राम, इमरती पत्नी प्रीतम सिंह, शांति देवी पत्नी धर्म सिंह, सुशीला पत्नी कृपाल सिंह और मल्ला देवी पत्नी मनोहर ने एकजुट होकर राशन डीलर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।

महिलाओं का आरोप था

कि राशन डीलर ने उन्हें राशन देने में जानबूझकर विलंब किया। कई बार राशन लेने के लिए महिलाएं दुकान पर जाती थीं, लेकिन डीलर उन्हें यह कहकर भेज देता था कि “राशन चार दिन बाद मिलेगा”। इस तरह की स्थितियों ने ग्रामीणों के बीच गुस्से की लहर दौड़ा दी और महिलाएं अपनी शिकायत लेकर सड़कों पर उतर आईं।

एक महिला ने बताया, “अगर सरफ की थैली नहीं लेते, तो राशन डीलर राशन देने से मना कर देता है। हम क्यों सरफ लें, जब वह खराब है? हमें हर बार इसकी जरूरत नहीं होती, फिर भी यह शर्त बनाई जाती है।” महिलाओं ने यह भी आरोप लगाया कि राशन डीलर अक्सर उनका राशन घटा कर देता है। कभी-कभी 1-2 किलो राशन कम कर दिया जाता है, जो उनके परिवार के लिए गंभीर समस्या उत्पन्न करता है।

इस विरोध प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने ग्राम पंचायत और प्रशासन से निवेदन किया है कि इस मामले में त्वरित कार्रवाई की जाए और राशन डीलर की मनमानी को रोका जाए। महिलाएं कह रही हैं कि इस समस्या का समाधान होने तक उनका विरोध जारी रहेगा।

ग्राम पंचायत के लोग भी इस मुद्दे पर गुस्से में हैं

और उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि राशन डीलर की गतिविधियों की जांच की जाए। स्थानीय निवासियों का कहना है कि राशन वितरण में पारदर्शिता होनी चाहिए, और अगर कोई डीलर इस तरह से शर्तें लगाए, तो उसे कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

स्थानीय नेताओं ने भी महिलाओं के इस विरोध का समर्थन किया है और अधिकारियों से उचित कार्रवाई की मांग की है। इस प्रकार के मामलों से आम जनता की परेशानियां बढ़ रही हैं, और इसे नजरअंदाज करना उचित नहीं है।

 

 

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