रेपो रेट में फिर बदलाव न होने से रियल एस्टेट सेक्टर ने किया स्वागत
रेपो रेट में फिर बदलाव न होने से रियल एस्टेट सेक्टर ने किया स्वागत
डेवलपर्स ने कहा-RBI के फैसले से मिलेगा बूस्ट
News24yard
नई दिल्ली। रियल एस्टेट सेक्टर ने रेपो दरों को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने के भारतीय रिजर्व बैंक के फैसले का स्वागत किया है। इस फैसले के बाद रियल एस्टेट सेक्टर में पिछले साल से आई तेजी को एक बार फिर पंख मिले हैं। आरबीआई के इस कदम से होम बॉयर्स से लेकर रियल एस्टेट के कारोबारियों के लिए एक बार फिर से राहतभरी खबर है। रियल एस्टेट के दिग्गजों ने आरबीआई के इस फैसले का स्वागत किया है। हालांकि कुछ डेवलपलर्स को पिछले एक साल में अधिकांश शहरों में आवास की कीमतें बढ़ने से रेपो रेट में कटौती की उम्मीद थी।
भारतीय रिजर्व बैंक ने लगातार सातवीं बार नीतिगत दर को अपरिवर्तित रखने का फैसला किया। इसका मतलब है कि रियल एस्टेट या होम लोन ईएमआई पर तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। चूंकि रेपो दर फिर से अपरिवर्तित रही है, इसलिए बैंकों द्वारा जल्द ही अपनी उधार दरों को समायोजित करने की संभावना नहीं है। इसका मतलब है कि आपकी ईएमआई फिलहाल वही रहेगी। आरबीआई के इस घोषणा के बाद रियल्टी डेवलपर्स ने खुशी जताते हुए कहा कि इस फैसले से प्रॉपर्टी बाजार और होम बायर्स दोनों को फायदा मिलेगा। रियल एस्टेट सेक्टर के अलग-अलग दिग्गजों ने आरबीआई के इस कदम को बेहतर बताते हुए अपनी-अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। अंकुश कौल,चीफ बिजनेस ऑफिसर,एंबिएंस ग्रुप आरबीआई ने लगातार सातवीं बार रेपो रेट को 6.50% पर स्थिर रखकर बायर्स की उम्मीदों को एक बार फिर संतुष्ट किया है। इससे न केवल संभावित खरीदारों के लिए ब्याज दरें स्थिर होंगी बल्कि चुनावों के नजदीक आने से अधिकारियों में जनता का विश्वास बरकरार है। यह आरबीआई का स्वागत योग्य कदम है और हम आशा करते हैं कि रियल एस्टेट सेक्टर जिस तेजी से आगे बढ़ रहा है, वह जारी रहेगा। यह निर्णय बायर्स और डेवलपर्स दोनों के लिए फायदेमंद साबित होगा।
नयन रहेजा, रहेजा डेवलपर्स
रियल्टी सेक्टर का डेवलपमेंट पॉजिटिव बना हुआ है, कंजम्पशन बढ़ रही है, और अधिक से अधिक लोग मिड , प्रीमियम और लक्जरी रेजिडेंशियल सेगमेंट में इन्वेस्ट कर रहे हैं। डेवलपर्स ने, अपनी ओर से, नए लॉन्च की स्पीड बढ़ा दी है, जैसा कि हालिया Q1 रिपोर्ट से पता चलता है। भारत दृढ़ता से प्रगति की राह पर है, और आरबीआई द्वारा रेपो रेट को अनचेंज्ड रखकर गति को परेशान न करने का निर्णय इस सेक्टर को मोटीवेट करेगा क्योंकि इससे बोरोवर को कुछ राहत भी मिलेगी क्योंकि उनकी ईएमआई नहीं बढ़ेगी।
कुशाग्र अंसल, डायरेक्टर अंसल हाउसिंग
रेपो रेट को 6.5% पर बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से हाउसिंग मार्किट में अनुकूल राइज की उम्मीद है। बढ़ते हाउसिंग एक्सपेंस के बावजूद, अन चेंज्ड होम लोन दरें संभावित होम बायर्स को कुछ राहत प्रदान करती हैं। नतीजतन, स्टेबल इंटरेस्ट रेट बायर्स और डेवलपर्स दोनों को लाभान्वित करती हैं, जिससे सेक्टर में कॉन्फिडेंस और इन्वेस्टमेंट को बढ़ावा मिलता है। आरबीआई का निर्णय नए प्रोजेक्ट्स की शुरूआत और रुचि के उभरते सेक्टर्स में डेवलपमेंट के विस्तार को बढ़ावा देने के लिए तैयार है। मनोज गौड़, अध्यक्ष, क्रेडाई एनसीआर और सीएमडी, गौड़ ग्रुप का कहना है कि यह आरबीआई का बेहद ही सराहनीय कदम है। भारतीय अर्थव्यवस्था के लगातार मजबूत प्रदर्शन के साथ, रेपो रेट को लगातार सातवीं बार स्थिर रखने का निर्णय रियल एस्टेट सेक्टर के लिए अच्छा संकेत होगा। मुद्रास्फीति के आंकड़े अभी भी थोड़ी चिंता का विषय हैं। यह आरबीआई द्वारा एक अच्छा संतुलन कार्य है। हमें उम्मीद है कि इस कदम से भारत को मुद्रास्फीति पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी जिसके बाद हम देश को कम ब्याज दर वाली व्यवस्था में प्रवेश करते देखेंगे। साथ ही अफोर्डेबल हाउसिंग सेगमेंट में गिरावट एक चिंता का विषय है जिसके लिए रेपो रेट में कटौती के रूप में राहत की आवश्यकता है।
अंकित कंसल, एमडी, 360 रियलटर्स
RBI ने लगातार 7वीं बार रेपो रेट को 6.5% पर बरकरार रखा है। केंद्रीय एजेंसी ने मुद्रास्फीति को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया है, जो वित्त वर्ष 25 में 4.5% के उच्च स्तर पर है। हालांकि, हमारी राय में एजेंसी 25 आधार अंकों तक दर को संशोधित करने पर विचार कर सकती थी, क्योंकि इससे अर्थव्यवस्था को और मदद मिलती। भारतीय अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 25 में 7% की दर से बढ़ने की उम्मीद है, जो इसे ऐसे समय में सबसे तेजी से बढ़ते बाजारों में से एक बनाती है, जहां वैश्विक स्तर पर विकास ज्यादातर सुस्त है। भारत का लक्ष्य 2030 तक तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने का है। इसे आगे बढ़ाने के लिए, सरकार और विकास एजेंसियों को पूंजी निर्माण बढ़ाने के और तरीके तलाशने होंगे। विदेशी मुद्रा भंडार 650 अरब अमेरिकी डॉलर के उच्च स्तर पर है और रोजगार बाजार उत्साहित है। इससे अर्थव्यवस्था को सहारा मिलेगा। सनड्रीम ग्रुप के सीईओ हर्ष गुप्ता के अनुसार लगातार सातवीं बार रेपो रेट को 6.50% पर बनाए रखकर, आरबीआई ने एक बार फिर बायर्स के लिए एक अच्छी पहल की है। संभावित बायर्स के लिए ब्याज दरों को स्थिर करने के अलावा, सरकार पर भी जनता का विश्वास है। यह सरकार का एक सकारात्मक कदम है और हमें उम्मीद है कि रियल एस्टेट सेक्टर भविष्य में भी तेजी से आगे बढ़ता रहेगा। इस निर्णय से डेवलपर्स और बायर्स दोनों को लाभ होने की उम्मीद है।
सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड के फाउंडर और चेयरमैन प्रदीप अग्रवाल
आरबीआई ने लगातार सातवीं बार रेपो रेट को स्थिर रखकर एक बार फिर अच्छी पहल की है। स्थिर रेपो रेट होम बायर्स के लिए विश्वसनीयता और आत्मविश्वास प्रदान करती है। इस स्थिरता का रियल एस्टेट सेक्टर के विकास पर सीधा प्रभाव पड़ता है, जो बदले में भारत की जीडीपी और भविष्य की विकास संभावनाओं में महत्वपूर्ण योगदान देता है। अश्विंदर आर. सिंह, को चेयरमैन, सीआईआई, रियल एस्टेट के लिए एनआर समिति, सीईओ रेजिडेंशियल भारतीय अर्बन “मैं आरबीआई के फैसले को मुद्रास्फीति पर काबू पाने और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के बीच एक संतुलन अधिनियम के रूप में देखता हूं। मुद्रास्फीति में कमी और जीडीपी अनुमान मजबूत रहने के साथ, रियल एस्टेट सेक्टर के लिए तेजी से अनुकूलन करना अनिवार्य है। इनोवेशन, स्थिरता और स्ट्रैटेजीस को अपनाना होगा यह उभरते परिदृश्य के माध्यम से सेक्टर में विकास के लिए नए अवसरों को खोलने की कुंजी एसकेए ग्रुप के डायरेक्टोर संजय शर्मा ने बताया कि लगातार सातवीं बार रेपो रेट 6.50% पर बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से रियल एस्टेकट सेक्टरर में सराहनीय उछाल की उम्मीद है। आवास की कीमतों में वृद्धि के बीच, स्थिर होम लोन दरों से घर खरीदारों को कुछ राहत मिलेगी। इसके अलावा, अपरिवर्तित ब्याज दरों से खरीदारों और डेवलपर्स को लाभ होगा, जिससे क्षेत्र में मजबूत उपभोक्ता विश्वास और निवेश स्थापित होगा। रेपो रेट को स्थिर रखने के आरबीआई के फैसले से नई परियोजनाएं स्थापित होंगी और उभरते क्षेत्रों में विकास का विस्तार होगा। साया ग्रुप के सीएमडी विकास भसीन का कहना है कि आरबीआई ने रेपो दरों को 6.50% पर अपरिवर्तित रखकर एक स्वागत योग्य कदम उठाया है। यह कदम इस क्षेत्र में निवेश करने के इच्छुक डेवलपर्स और संभावित खरीदारों दोनों के लिए फायदेमंद है। इससे उन्हें ऋण ब्याज दरों के मामले में राहत मिलेगी, साथ ही सरकार द्वारा मुद्रास्फीति को संतुलित करने के उपायों से उन्हें अतिरिक्त लाभ मिलेगा। सरकार खरीदारों की भावनाओं और अपेक्षाओं का काफी ख्याल रखती है और इस क्षेत्र के लिए हमारे अनुकूल निर्णय ले रही है जिससे इसके विकास को बढ़ावा मिलता है।
अजेंद्र सिंह, स्पेसक्ट्रेम मेट्रो, वाइस प्रेजीडेंट (सेल्सए एंड मार्केटिंग)
लगातार सातवीं बार रेपो दर को 6.50 फीसदी पर बनाए रखने का आरबीआई का निर्णय संभावित बॉयर्स पर वित्तीय बोझ को कम करने की दिशा में एक सकारात्मक कदम है। यह निर्णय कॉमर्शियल सेक्टर में संभावित बॉयर्स को अपनी संपत्ति खरीद के साथ आगे बढ़ने के लिए एक महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान करने के लिए अच्छा कदम है। निश्चित रूप से आरबीआई के फैसले से किफायती और मध्य-श्रेणी की कॉमर्शियल प्रोजेक्ट्स को गति मिलेगी। ग्रुप 108 के मैनेजिंग डायरेक्टजर डॉ अमिष भूटानी के अनुसार रेपो दरों को 6.50% पर अपरिवर्तित रखने का आरबीआई का निर्णय एक स्वागत योग्य कदम है जो रियल एस्टेट क्षेत्र में देखी जा रही तेजी को बनाए रखेगा। वाणिज्यिक क्षेत्र में विशेष रूप से सकारात्मक मांग प्रदर्शित होने की उम्मीद है क्योंकि वित्तीय अस्थिरता सुलझ गई है और ब्याज दरें समान बनी हुई हैं। इससे इस क्षेत्र की ओर संभावित खरीदारों का प्रवाह भी बढ़ेगा क्योंकि इस क्षेत्र में निवेश करने से उनकी जेब पर ज्यादा भार नहीं पड़ेगा। हमें उम्मीद है कि अधिकारियों का रुख अनुकूल रहेगा, जिससे आगामी घोषणाओं में रियल एस्टेट क्षेत्र को भी लाभ होगा।
यश मिगलानी, एमडी, मिसगन ग्रुप
कुल मिलाकर रियल एस्टेट के लिए रेपो रेट को 6.5 फीसदी पर अपरिवर्तित रखने का आरबीआई का निर्णय एक बेहतर निर्णय है। देश की अर्थव्यवस्था के असाधारण रूप से अच्छा प्रदर्शन करने और अच्छी जीडीपी वृद्धि और मुद्रास्फीति पर नियंत्रण के अनुमान के साथ यह सेक्टर आने वाले समय में भी अच्छा प्रदर्शन करना जारी रखेगा। हालांकि, टियर 2 और 3 शहरों में मूल्य-संवेदनशील किफायती आवास और रियल एस्टेट विकास चिंता का विषय है। यदि रेपो दरों में कटौती होती तो रियल एस्टेट डेवलपर्स को अपने आवास के सपनों को साकार करने में मदद मिलती। गुरपाल सिंह चावला, एमडी, ट्रेवोक भारतीय रियल एस्टेट सेक्टर पिछले कुछ वर्षों से मजबूत हो रहा है। रेपो रेट को 6.50% पर बनाए रखने के आरबीआई के फैसले से इस सेक्टर को लाभ होगा। पिछले कुछ वर्षों में, प्रीमियम और लक्ज़री सेगमेंट में बिक्री में उछाल देखा गया है। बायर्स लक्जरी हाउसिंग सेक्टर में इन्वेस्ट कर रहें है, जिससे इस सेगमेंट में नए प्रोजेक्ट्स लॉन्च होंगे। आगामी त्योहारी सीज़न को ध्यान में रखते हुए हमें उम्मीद है कि इस निर्णय से लक्जरी रियल एस्टेट को लाभ होगा।
रजत गोयल, मैनेजिंग डायरेक्टर, एमआरजी ग्रुप
रिजर्व बैंक ने सातवीं बार रेपो रेट में 6.50 फीसदी की स्थिरता का निर्णय कर रियल एस्टेट सेक्टर को राहत दी है। फेस्टिव सीजन नजदीक आने पर इससे संभावित खरीदारों का विश्वास बढ़ेगा। चूंकि रेपो दर को अंतिम बार बढ़ाए हुए एक वर्ष से अधिक समय हो गया है और कोई परिवर्तन नहीं हुआ है, इससे निश्चित रूप से बॉयर्स को बढ़ी हुई ऋण ब्याज दरों का बोझ नहीं उठाना पड़ेगा। बॉयर्स बिना किसी बढ़ी हुई लागत या वित्तीय बोझ के रियल एस्टेट सेक्टर में निवेश जारी रख सकते हैं। आरबीआई का निर्णय सराहनीय है और हम इस उपाय से महंगाई पर अंकुश लगाने के कदम का स्वागत करते हैं।
अमित मोदी, डायरेक्टार, काउंटी ग्रुप
एक बार फिर से आरबीआई ने रेपो दर में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है जो निश्चित रूप से रियल एस्टेट सेक्टर के लिए फायदेमंद है। आरबीआई का यह निर्णय निवेशकों और घर खरीदारों दोनों के लिए अच्छा साबित होगा। आरबीआई के निर्णय से स्पष्ट संकेत है कि देश की अर्थव्यवस्था लगातार अच्छा प्रदर्शन कर रही है। हमें यकीन है कि भारत की बढ़ती आर्थिक लचीलापन और मुद्रास्फीति की गिरावट की प्रवृत्ति के साथ रेपो दर में और गिरावट आएगी और पहले से ही रिकॉर्ड तोड़ रहे रियल्टी क्षेत्र की ताकत में वृद्धि होगी।
पवन शर्मा, एमडी, ट्राइसोल रेड
आरबीआई के सातवीं बार रेपो रेट 6.5% पर रखने के फैसले से रियल एस्टेट सेक्टर को फायदा होगा। चूँकि ब्याज दरें स्थिर रहती हैं, हम खरीदारों का विश्वास बढ़ने और उद्योग में निरंतर रुचि की आशा करते हैं। यह क्षेत्र पिछले कुछ वर्षों से पहले से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है, रेपो दर को अपरिवर्तित रखने के निर्णय से संभावित खरीदारों और डेवलपर्स दोनों को लाभ होगा।
प्रतीक मित्तल, एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर, सुषमा ग्रुप
“आरबीआई ने पिछले 12 महीनों से रेपो दर को 6.5 फीसदी पर बनाए रखा है। इस दर को रियल एस्टेट क्षेत्र द्वारा लंबे समय से ध्यान में रखा गया है। दरों को स्थिर करने से संभावित खरीदारों के बीच एक अलग उत्साह बना हुआ है और उनका विश्वास बना हुआ है। जैसे-जैसे फेस्टिव सीजन नजदीक आ रहा है, यह सेक्टर बॉयर्स को रेजिडेंशियल और कॉमर्शियल दोनों सेक्टर्स में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करेगा।