सावन की हवाओं में घुली घेवर की खुशबू

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सावन की हवाओं में घुली घेवर की खुशबू
कपिल शर्मा
गाजियाबाद। सावन शरू होते ही हलवाई की दुकान घेवर से सज गई। लोंध लगने से इस वर्ष सावन 60 दिन का है। सावन के 30 से अधिक दिन बीत चुके हैं। इसके बाद भी बाजार घेवर की लजीज खुशबू से महक रहा है। दुकानदार मांग के अनुसार घेवर तैयार कर रहे हैं।
घेवर को सावन की विशेष मिठाई माना जाता है। सावन में तीज के अवसर पर बहन-बेटियों को सिंदरा दिया जाता है। परंपरा है कि सिंदर में घेवर, मीठी मट्ठी दी जाती हैं।  सावन में इस मिष्ठान की मांग को पूरा करने के लिए हलवाई पहले से तैयारी शुरू कर देते हैं। शहर में बनने वाले घेवर का स्वाद अन्य जगहों की तुलना में बेहतर माना जाता है। यहां मुख्य रूप से दो तरह के घेवर बनाए जात हैं। एक सादा और दूसरा मावा वाला। बाजार में इन दिनों मावा वाले घेवर की डिमांड ज्यादा है।

250 से 800 के भाव बिक रहा घेवर

सावन की हवाओं में घुली घेवर की खुशबू
सावन की हवाओं में घुली घेवर की खुशबू
पटेल नगर-II गाजियाबाद स्थित गोपाल मिष्ठान भंडार के संचालक गोपाल यादव बताते हैं कि घेवर के अलग-अलग रेट हैं। उनकी दुकान पर घेवर 250 से 800 रुपये प्रति किलो तक का घेवर है। वह बताते हैं कि इस वर्ष मलाई व केसर घेवर की काफी डिमांड है। लोग ऑन लाइन भी घेवर बुक करा रहे हैं।
250 से 800 के भाव बिक रहा घेवर
250 से 800 के भाव बिक रहा घेवर
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