जाने कौन हैं गाजियाबाद के डीएम: Indra Vikram Singh IAS

जाने कौन हैं गाजियाबाद के डीएम: Indra Vikram Singh IAS

आगरा, लखनऊ, गौतमबुध नगर, शाहजहांपुर व अलीगढ़ में दे चुके सेवाएं 

जाने कौन हैं गाजियाबाद के डीएम… Indra Vikram Singh IAS

Indra Vikram Singh IAS: जो जनता के हित में किए गए कार्यों के लिए प्रसिद्ध हैं, को गाजियाबाद के डीएम के रूप में नियुक्त किया गया है. विक्रम सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले हैं और इन्होंने आगरा, लखनऊ, गौतमबुध नगर, शाहजहांपुर और अलीगढ़ जैसे कई जिलों में विभिन्न पदों पर सेवा की है.

इंद्र विक्रम सिंह उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के रहने वाले हैं. 2010 में पीसीएस से IAS के लिए प्रमोट हुए.

Indra Vikram Singh IAS Biography

Indra Vikram Singh IAS BiographyIAS इंद्र विक्रम सिंह का जन्म15 जून 1969 को हुआ. अपनी स्नातक पूरी करने के बाद सरकारी नौकरी की परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी थी और 1994 में सरकारी सेवाओं में शामिल हो गए थे. उन्होंने 2010 में PCS से IAS के लिए प्रमोट किया था. IAS इंद्र विक्रम सिंह को सरलता के साथ काम करने के लिए जाना जाता है और अक्सर अपने काम  को लेकर चर्चाओं में रहते हैं. वह कभी भी जिले के किसी भी सरकारी कार्यालय का अचानक निरीक्षण करते हैं.

IAS Indra Vikram Singh Posting Details

IAS Indra Vikram Singh Posting Details: IAS इंद्र विक्रम सिंह ने उत्तर प्रदेश में विभिन्न पदों पर काम किया है जिसका विवरण नीचे सारणी में दिया गया है.

वर्ष पद स्थान
2013-2017 नगर आयुक्त आगरा
2017 जिलाधिकारी और कलेक्टर शामली
2018 सहायक नगर आयुक्त नोएडा
2019 जिलाधिकारी और कलेक्टर+ शाहजहांपुर
2022 जिलाधिकारी और कलेक्टर बलिया
2022 जिलाधिकारी और कलेक्टर अलीगढ़
31.01.2024 जिलाधिकारी और कलेक्टर गाजियाबाद

गाजियाबाद के जिलाधिकारी बने इंद्र विक्रम सिंह का अलीगढ़ से पुराना नाता है य सफर 2000 में शुरू हुआ था जब विक्रम सिंह ने अलीगढ़ के कॉल अतरौली और एकल तहसील के एसडीएम के रूप में सेवा की थी. 2008 में उन्हें अलीगढ़ का एटीएम फाइनेंसर नियुक्त किया गया था. पदों में पढ़ते हुए उन्होंने 2011 में अलीगढ़ विकास प्राधिकरण के सचिव के तौर पर नियुक्ति ली थी.

सोशल मीडिया पर कुछ साल पहले एक फोटो वायरल हुई थी. एक व्यक्ति जिसने अपने दोनों पैर संक्रमण के चलते  गवा दिए थे, उपचार के लिए धन की अभाव के कारण वह जिलाधिकारी विक्रम सिंह से मिलने पहुंचे थे. जैसे ही जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह ने यह बात करनी तो अपने कार्यालय की कुर्सी छोड़कर बाहर आ व्यक्ति की शिकायत सुनने बैठ गए शिकायत सुनने के बाद उसे व्यक्ति को ₹13000 का चेक भी दिया

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