बिजनौर NEWS : अधिवक्ता संदीप शर्मा का अपमान, न्यायालय में कार्यवाही की मांग

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बिजनौर 

संवाददाता : अमीन अहमद

स्योहारा थाने  थाना प्रभारी अमित कुमार पर एक अधिवक्ता द्वारा आरोप लगाए गए हैं कि उन्होंने 26 अक्टूबर 2024 को थाने में उन्हें सार्वजनिक रूप से अपमानित किया। अधिवक्ता संदीप शर्मा ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाते हुए कहा कि थाना प्रभारी ने उन्हें गाली-गलौच की और उन्हें दलाल कहकर सम्मानित नागरिक होने के बावजूद उनकी प्रतिष्ठा को धूमिल किया। इसके बाद से अधिवक्ता संदीप शर्मा मानसिक तनाव में हैं और उन्होंने न्यायालय में जाकर थाना प्रभारी अमित कुमार के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है।

यह मामला तब सामने आया

जब अधिवक्ता संदीप शर्मा किसी निजी काम से स्योहारा थाने गए थे। उस दिन थाने में समाधान दिवस भी चल रहा था और वहां पर राजस्व विभाग के अधिकारी, पत्रकार तथा अन्य प्रतिष्ठित लोग मौजूद थे। इस दौरान, संदीप शर्मा का सामना थाना प्रभारी अमित कुमार से हुआ, जहां उन्होंने अपना काम बताने के बाद थाना प्रभारी का गुस्से से सामना किया। आरोप है कि थाना प्रभारी ने बिना किसी उचित कारण के संदीप शर्मा को गाली दी और उन्हें दलाल कहकर अपमानित किया।

अधिवक्ता संदीप शर्मा ने आरोप लगाया कि इस घटनाक्रम के कारण उन्हें न केवल मानसिक आघात पहुंचा बल्कि उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी दांव पर लग गई। संदीप शर्मा के अनुसार, घटना के बाद उनकी छवि धूमिल हो गई है और वे अब समाज में बदनाम हो गए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह घटना सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में भी प्रकाशित हुई थी, जिसके चलते उनके खिलाफ नकारात्मक बातें फैलने लगीं। इस घटना ने उनकी मानसिक स्थिति को भी प्रभावित किया और वे अपसाद की स्थिति में जा रहे हैं।

संविधान और कानून के तहत एक अधिवक्ता को सम्मानित व्यक्ति के रूप में देखा जाता है, और यह घटना उनके पेशेवर जीवन पर नकारात्मक असर डाल रही है। संदीप शर्मा ने कहा कि थाना प्रभारी के इस अप्रिय व्यवहार से उनकी छवि गंभीर रूप से प्रभावित हुई है, और वे समाज में अब शक की नजर से देखे जा रहे हैं। इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि इस घटना के गवाह आदिल और शेख फईमुद्दीन जैसे लोग हैं, जिन्होंने स्योहारा और आसपास के क्षेत्रों में संदीप शर्मा के बारे में नकारात्मक बातें फैलाई हैं, जिससे उनकी प्रतिष्ठा और समाज में उनका स्थान प्रभावित हुआ है।

अधिवक्ता संदीप शर्मा ने न्यायालय से यह आग्रह किया है

उनकी मान-अपमान की रक्षा की जाए और थाना प्रभारी अमित कुमार के खिलाफ आवश्यक कानूनी कार्यवाही की जाए। उन्होंने यह भी अनुरोध किया है कि आरोपी थाना प्रभारी को तलब कर उनकी निंदनीय हरकतों पर सजा दी जाए, ताकि भविष्य में इस तरह के कृत्य को रोका जा सके और न्याय की प्रक्रिया पर भरोसा बना रहे।

वहीं, थाना प्रभारी अमित कुमार ने आरोपों को पूरी तरह से निराधार बताया है। उन्होंने कहा कि यह एक गलतफहमी का परिणाम हो सकता है और इस आरोप में कोई सच्चाई नहीं है। थाना प्रभारी के अनुसार, उन्होंने किसी भी प्रकार की अभद्रता नहीं की और न ही किसी को गाली दी। उन्होंने इस मुद्दे को पुलिस प्रशासन के भीतर हल करने की बात कही और आरोपों का खंडन किया। थाना प्रभारी अमित कुमार का कहना है कि यदि यह आरोप निराधार हैं तो उन्हें न्यायालय में स्पष्ट रूप से इसका हल मिल जाएगा।

हालांकि, यह मामला स्योहारा थाने में एक गंभीर घटना के रूप में उभर कर सामने आया है, जो पुलिस प्रशासन और अधिवक्ताओं के बीच रिश्तों पर सवाल उठा सकता है। अगर इस तरह के घटनाक्रम बढ़ते हैं तो यह न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता और पुलिस की भूमिका पर भी संदेह पैदा कर सकते हैं।

अधिवक्ता संदीप शर्मा का कहना है

उन्होंने जो कदम उठाया है, वह न केवल अपने सम्मान की रक्षा के लिए है, बल्कि इस घटना के माध्यम से उन्होंने यह संदेश देने की कोशिश की है कि समाज में किसी भी व्यक्ति का अपमान नहीं होना चाहिए, विशेषकर जब वह सम्मानित नागरिक और पेशेवर हो। इस मामले में न्यायालय की भूमिका महत्वपूर्ण होगी, क्योंकि अदालत ही यह तय करेगी कि थाना प्रभारी पर आरोपों की सच्चाई क्या है और क्या उनके खिलाफ कोई कार्यवाही की जानी चाहिए या नहीं।

अधिवक्ता संदीप शर्मा ने इस घटना के बारे में कहा कि यह सिर्फ उनका व्यक्तिगत मामला नहीं है, बल्कि यह एक बड़ा सवाल है कि पुलिस और प्रशासन में काम करने वाले लोग किस प्रकार से आम नागरिकों, खासकर पेशेवरों के साथ व्यवहार करते हैं। उनके मुताबिक, अगर इस तरह के व्यवहार को बर्दाश्त किया गया तो यह अन्य लोगों के लिए भी एक गलत संदेश होगा।

अब यह देखना है कि न्यायालय इस मामले में क्या निर्णय लेता है और क्या थाना प्रभारी अमित कुमार के खिलाफ किसी प्रकार की कार्रवाई की जाती है।

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