Ayodhya News : घर बैठे एक बटन दबाने पर होंगे रामलला श्रृंगार आरती के दर्शन

घर बैठे एक बटन दबाने पर होंगे रामलला श्रृंगार आरती के दर्शन

घर बैठे एक बटन दबाने पर होंगे रामलला श्रृंगार आरती के दर्शन

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घर बैठे एक बटन दबाने पर होंगे रामलला श्रृंगार आरती के दर्शन

दूरदर्शन पर शुरू हुआ रामलला की आरती का सीधा प्रसारण

News24yard Ayodhya : (घर बैठे एक बटन दबाने पर होंगे रामलला श्रृंगार आरती के दर्शन) अब रामभक्त घर बैठकर प्रतिदिन रामलला श्रृंगार आरती के दर्शन कर सकेंगे। इसके लिए राम भक्तों को अधिक परिश्रम करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भक्तों को रामलला के दर्शन करने को सुबह साढ़े छह बजे टीवी ऑन कर बस दूरदर्शन चैनल लगाना है। जहां रामलला का सीधा प्रसारण देखा जा सकेगा। उधर राम नगरी के लोगों के लिए भी रामलला के दर्शन की खास व्यवस्था की गई है। जन्मभूमि पथ पर रामलला के दर्शन व आरती का सीधा प्रसारण दिखाने को सात एलसीडी लगाई गई हैं। जिससे राम नगरी के लोग बिना लाइन में लगे रामलला के दर्शन कर सकेंगे।

दूरदर्शन पर मंगलवार से हो रहे दर्शन

शृंगार आरती का दर्शन मंगलवार से दूरदर्शन पर शुरू किया गया है। यह आरती सुबह साढ़े छह बजे होती है। सीधा प्रसारण होने से अब लोग घर बैठे एक बटन दबाने पर होंगे रामलला श्रृंगार आरती के दर्शन कर सकेंगे। हालांकि श्रद्धालु आरती में शामिल होना चाहते हैं। तीर्थ क्षेत्र की ओर से कुल सौ पास ही निर्गत हो रहे हैं। इनमें 20 पास आनलाइन बुक किए जाते हैं। पास को ट्रस्टीज की संस्तुति पर निर्गत किया जाता है। इसके कारण आम श्रद्धालुओं को आसानी से दर्शन नहीं हो पा रहे हैं।

रामलला की दिन में हो रहीं छह आरती

प्रतिदिन रामलला की छह आरती होती है। सुबह साढ़े चार बजे मंगला आरती, इसके बाद साढ़े छह बजे श्रृंगार आरती, 12 बजे राजभोग आरती, दो बजे उत्थापन आरती, शाम सात बजे संध्या आरती व रात्रि दस बजे शयन आरती होती है। सभी आरतियों के लिए तीर्थ क्षेत्र की ओर से सौ-सौ पास जारी किए गए हैं। मंगला आरती व शृंगार आरती को छोड़कर शेष चारों आरती आम दर्शनार्थियों के लिए सुलभ है। तीर्थ क्षेत्र ने आम श्रद्धालुओं के लिए एक सुविधा यह भी दी है कि जन्मभूमि पथ पर सात एलसीडी भी लगवाई गई है। इससे मंदिर में हो रहे आयोजन का प्रसारण हो रहा है।

सीधे प्रसारण से लोगों में खुशी

रामलला की आरती का दूरदर्शन पर सीधा प्रसारण होने से लोगों में खुशी है। अब सभी श्रद्धालुओं को इसका लाभ मिल रहा है। जगद्गुरु रामदिनेशाचार्य महाराज ने कहा कि रामलला के प्रति गहरी आस्था का प्रमाण देने की आवश्यकता नहीं रह गयी है। 22 जनवरी को प्राण प्रतिष्ठा के बाद से जिस प्रकार लाखों श्रद्धालु यहां आ रहे हैं। उनकी अभिलाषा राम मंदिर में विराजे रामलला की छवि के दर्शन की है। तीर्थ क्षेत्र का निर्णय बहुत सराहनीय है।

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