खट्टा प्रह्लादपुर में है आठ पलकों वाला आलौकिक शिवलिंग | Supernatural Shivling
प्रदीप पांचाल
बागपत। खट्टा प्रह्लादपुर में है आठ पलकों वाला आलौकिक शिवलिंग: खट्टा प्रहलादपुर के महेश मन्दिर में आठ पलकों का आलौकिक शिवलिंग(supernatural Shivling with eight eyelids in Khatta Prahladpur) है। मन्दिर के आस-पास का क्षेत्र में भगवान परशुराम का प्राचीन आश्रम है। भगवान परशुराम ने इसी स्थान पर रुष्ट होकर कर्ण को श्राप दिया था। जूना अखाड़े के महंत एकादशी गिरी महाराज इस आलौकिक व अद्भुत मंदिर की देख-रेख करते है।
खट्टा प्रह्लादपुर में है आठ पलकों वाला आलौकिक शिवलिंग Highlight
Article Name | खट्टा प्रह्लादपुर में है आठ पलकों वाला आलौकिक शिवलिंग |
कितने साल पुराना है वट वृक्ष | 25 हजार साल पुराना |
मन्दिर प्रांगण में २५ हजार साल पुराना विशाल वटवृक्ष है। इसकी पुष्टि भारत सरकार की ऐतिहासिक धरोहरों की जांच करने वाली पेड़ों से जुड़े विशेषज्ञों की टीम कर चुकी है। मंदिर के पुजारी एकादशी गिरी बताते है कि मन्दिर प्रांगण में पूर्व महंतों की समाधियां बनी हुई है और एक धूना २४ घंटे चलता है।
मंदिर परिसर में मौजूद वटवृक्ष पर भगवान गणेश की आकारनुमा तश्वीर बनी हुई है। बताया जाता है कि हिसावदा की एक लडक़ी को स्वप्न में पेड पर तस्वीर दिखाई दी थी। स्वपन की सच्चाई देखने के लिए लडक़ी के परिजन महेश मंदिर पहुंचे थे।
मंदिर में मौजूद है आठ पलकों वाली पिंडी
मंदिर में आठ पलक वाली लाल पिंडी मौजूद है। भगवान परशुराम ने प्राचीनकाल में खट्टा प्रहलादपुर के इस मंदिर में शिवलिंग की स्थापना की थी और मंदिर प्रागंण के पास ही भगवान परशुराम का आश्रम भी है।
भगवान परशुराम में इसी स्थान पर दिया था कर्ण को श्राप
बताया जाता है कि भगवान परशुराम ने इसी स्थान पर कर्ण को श्राप दिया था। खट्टा प्रहलादपुर स्थित मंदिर के महंत एकादशी गिरी महाराज बताते है भगवान परशुराम इसी स्थान पर कर्ण की गोद पर अपना सिर रखकर विश्राम कर रहे थे। कर्ण को बिच्छू ने काट लिया था। भगवान परशुराम की कर्ण के बहते खून के स्पर्श से नींद भंग हो गयी और उन्होंने स्वयं को सूत पुत्र बताकर शिक्षा ग्रहण करने के लिए क्रोधित होकर कर्ण को श्राप दिया था।