इंसान का दिमाग में लगेगी Brain Chip, हुआ सफल परीक्षण, जाने कैसे करेगी काम

  • इंसान के सिर में लगी Brain Chip, दिमाग का करेगी काम
  • एलन मस्क की कंपनी न्यूरालिंक ने किया सफल परिक्षण

वाशिंगटन की न्यूरालिंक कंपनी ने मनुष्य के दिमाग में चिप लगाने का दावा किया है। पहले रोगी को ब्रेन चिप(Brain Chip) लगाई गई है। यह चिप मनुष्य के दिमाग को ट्रांसप्लांट करने का काम करेगी। कंपनी का दावा है कि कंपनी का यह परिक्षण सफल रहा है। अब मरीज तेजी से ठीक हो रहा है।

क्या है Brain Chip

Elon Musk की कंपनी  न्यूरालिंक कंपनी ने का कहना है कि उन्होंने एकऐसी चिप बनाई है, जिसे सर्जरी कर मनुश्य के दिमाग में लगाया जाएगा। यह चिप(Brain Chip) इंसान के दिमाग की तरह काम करेगी। इसका इस्तेमाल मस्तिष्क और नर्वस सिस्टम के डिसऑर्डर का सामना कर रहे लोगों के लिए किया जा सकेगा। आसान शब्दों में कहें तो कि जिस तरह से शरीर के कई अंग खराब होने पर कृतिम अंगो का प्रयोग किया जाता है। उसी तरह से दिमाग का ट्रांसप्लांट है।

Brain Chip की इस प्रक्रिया में मस्तिष्क के उस हिस्से में 64 लचीले धागे डाले जाते हैं जो गति के इरादे को नियंत्रित करते हैं। धागे इतने महीन हैं कि रोबोट को उन्हें प्रत्यारोपित करना पड़ता है। इसके बाद थ्रेड्स इम्प्लांट को मस्तिष्क के संकेतों को रिकॉर्ड करने और एक ऐप पर संचारित करने की अनुमति देते हैं, जो तब डिकोड करता है कि कोई व्यक्ति कैसे आगे बढ़ने का निर्णय लेता है।

Read Also:-रॉयल एनफील्ड को धूल चटाएगी Yamaha RX 100, पावरफुल इंजन के साथ रॉकेट की रफ्तार. जाने कीमत

मस्क इलेक्ट्रिक कार निर्माता कंपनी टेस्ला और अंतरिक्ष अन्वेक्षण कंपनी स्पेसएक्स समेत कई बड़ी कंपनियों के सीईओ है. वर्तमान में उनके पास टेस्ला में 23 प्रतिशत हिस्सेदारी है. उनकी सबसे ज्यादा कमाई टेस्ला से होती है. मस्क अक्सर किसी न किसी वजह से चर्चाओं में भी बने रहते हैं मस्क ने 2016 में न्यूरोटेक्नोलॉजी कंपनी न्यूरालिंक स्टार्टअप शुरू हुई। यह कंपनी दिमाग व कंप्यूटर के बीच सीधे संचार चैनल बनाने पर काम कर रही है। कंपनी के मालिक एलन मस्क की दुनिया के सबसे अमीर कारोबारियों में गिनती होती है। एलन मस्क ने सोशल मीडिया पर जानकारी देते हुए कहा कि प्रारंभिक नतीजे उत्साह बढ़ाने वाले हैं। ये न्यूरॉन स्पाइक का पता लगाने की उम्मीद जगाते दिखते हैं। मस्क ने इसके बाद कहा कि न्यूरालिंक के पहले प्रोडक्ट को टेलीपैथी कहा जाएगा। कंपनी ने कहा है कि उसका मकसद न्यूरोलॉजिकल विकार से पीड़ित लोगों के जीवन को आसान बनाना है।

कैसे काम करेगी Brain Chip?

ब्रेन चिप से जुड़े इलेक्ट्रोड दिमाग के न्यूरॉन्स के संकेतों को पढ़ने का काम करेंगे. इंसान क्या सोच रहा है और वो क्या कहना चाहता है इसके सिग्नल को सॉफ्टवेयर तक पहुंचाया जाएगा. सॉफ्टवेयर इन सिग्नल्स को डिकोड करेगा और वो काम करने की कोशिश करेगा.  कंपनी का कहना है शुरुआती दौर में पैरालिसिस से जूझने वाले मरीज कंप्यूटर और मोबाइल डिवाइस को कंट्रोल कर सकेंगे. हम चाहते हैं कि वो हमारी डिवाइस की मदद से फोटोग्राफी जैसे काम भी कर सकें. इसकी मदद से न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर का इलाज किया जाएगा. हालांकि इसके अपने कुछ खतरे भी हैं.

Read Also:इतिहास की धरोहर रटौल बागपत का शीश महल | Sheesh Mahal Of Rataul Baghpat

मीडिया रिपोर्ट्स दावा किया गया है, ब्रेन में चिप लगाने वाले रोबोट को ऐसे तैयार किया गया है कि यह इंसान की खोपड़ी में 22 मिमी डायमीटर का एक छेद करेगा और उसके जरिए डिवाइस से जुड़े इलेक्ट्रोड वायर को दिमाग तक पहुंचाएगा. ब्रेन को डिवाइस से जोड़ने से ब्लीडिंग होने का खतरा जताया गया है. हालांकि इंसानों पर इसका ट्रायल कितना सफल होगा, इसके नतीजे आने बाकी हैं. FDA की तरफ से हरी झंडी मिलने के बाद मस्क इसका ह्यूमन ट्रायल शुरू करेंगे.

बीते साल मिली थी परीक्षण की मंजूरी

Elon Musk की कंपनी न्यूरालिंक को बीते साल अमेरिकी फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफीए) से इंसान के मस्तिष्क प्रत्यारोपण का परीक्षण करने यानी इन-ह्यूमन क्लिनिकल ट्रायल की मंजूरी मिली थी। न्यूरालिंक अपने माइक्रोचिप्स का उपयोग पक्षाघात और अंधापन जैसी स्थितियों के इलाज के लिए और कुछ विकलांग लोगों को कंप्यूटर और मोबाइल प्रौद्योगिकी का उपयोग करने में मदद करने की बात करती है। इंसानों से पहले इन चिप्स का परीक्षण बंदरों में किया गया। इन चिप्स को मस्तिष्क में उत्पन्न संकेतों की व्याख्या करने और ब्लूटूथ के माध्यम से उपकरणों तक जानकारी रिले करने के लिए डिजाइन किया गया है।

Read Also:Village of Soldiers: ढिकोली हर घर से निकल रहा है गर्वित फौजी

News24yard

WhatsApp Group Join Now