बागपत NEWS : जिन्दगी व मौत से जंग हार गया,जितेन्द्र घर में मचा कोराम

बागपत से संवाददाता प्रदीप पांचाल की रिपोर्ट

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संसद के सामने आत्मदाह की कोशिश वाले बागपत के छात्र जितेंद्र (35) शुक्रवार को जिंदगी व मौत की जंग हार गए । बुधवार को उसने दिल्ली में खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आग लगा ली थी। जिसमें वो 90-95% तक जल चुके जितेंद्र को राम मनोहर लोहिया अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी मौत की खबर मिलते ही परिवार और रिश्तेदार दिल्ली के लिए रवाना हो गए।

मृतक जितेंद्र छपरौली का रहने वाला है, बागपत जिला मुख्यालय से 40 किलोमीटर दूर दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले जितेंद्र और उसके परिवार ने आरोप लगाया कि गांव के दबंग ऊंची जाति के लोग उन्हें लंबे समय से परेशान कर रहे थे।

परिवार पर दबंगों का अत्याचार, सुनवाई नहीं हुई

जितेंद्र के भाई शीलू ने बताया, “हम लोग दलित परिवार से हैं। पड़ोसी विक्की और उसके चचेरे भाई कविंदर ने हमारी जिंदगी दूभर कर दी थी। विक्की घर से अवैध शराब बेचता था, जिसका हमने विरोध किया। लेकिन पुलिस ने उल्टा हम पर ही केस दर्ज कर दिया। विक्की और कविंदर की दबंगई के कारण हमें रोजाना अपमानित होना पड़ता था।”

मृतक के परिजनों ने दी जानकारी

2021 में विक्की ने जितेंद्र के पिता महिपाल से सड़क पर मारपीट की थी। पुलिस ने तब भी आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उल्टा महिपाल और जितेंद्र के खिलाफ केस दर्ज कर दिया।

दबाव में आकर लिया आत्मघाती कदम

परिवार का कहना है कि दबंगों के अत्याचार और पुलिस की अनदेखी से जितेंद्र मानसिक रूप से टूट गया था। 2022 में एक बार फिर मारपीट की घटना हुई, लेकिन आरोपियों के खिलाफ कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। हाल ही में मई 2024 में परिवार ने विक्की और उसके भाई पर मारपीट का केस दर्ज कराया, लेकिन आरोपियों को थाने से ही जमानत मिल गई।

एसपी ने कहा- मामले की जांच जारी

एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने बताया, “जितेंद्र और उसके परिवार पर 2021 और 2022 में मारपीट के केस दर्ज किए गए थे। 2024 में परिवार ने भी मारपीट का केस दर्ज करवाया था। मामले की जांच जारी है और कोर्ट में चार्जशीट भेजी जा चुकी है। परिवार से संपर्क कर पूरी जानकारी ली जा रही है।”

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