सड़क पर शव रख किया जाम, बिजली विभाग के खिलाफ निकाला गुस्सा
ट्रांसफार्मर से बाइक टकराने से घायल युवक की सोमवार रात अस्पताल में हुई मौत
बिजली कर्मी ट्रांसफार्मर को क्षति पहुंचने का हवाला दे, परिवार पर बना रहे थे रुपये देने का दबाव
News24yard : Loni, इकराम नगर कॉलोनी के सामने 26 जनवरी की शाम ट्रांसफार्मर से बाइक टकराने से घायल युवक की सोमवार रात मौत हो गई। जबकि उसके भाई का इलाज जारी है। आरोप है कि बिजली कर्मी ट्रांसफार्मर को नुकसान पहुंचने का हवाला देकर परिवार पर रुपये देने का दबाव बना रहे थे। गुस्साए परिवार व कालोनी के लोगों ने मंगलवार को शव बलराम नगर सबस्टेशन के सामने शव सड़क पर रखकर जाम लगाकर बिजली कर्मियों के खिलाफ विरोध प्रकट किया। पुलिस ने लोगों को समझा कर शांत कर दिया।
निठोरा रोड स्थित मिर्जा गार्डन कालोनी में समीर (20) परिवार के साथ रहते थे। वह कपड़े का काम करते थे। कुछ दिन पूर्व उन्होंने एक बाइक खरीदी थी। परिवार के मुताबिक 26 जनवरी को समीर अपने भाई सावेज के साथ बाइक पर किसी काम से गए थे। इकरामनगर कालोनी के सामने बाइक ट्रांसफार्मर से टकरा गई। दोनों गंभीर रुप से घायल हो गए। उन्हें उपचार के लिए दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में ले जाया गया। जहां उपचार के दौरान सोमवार रात समीर मौत हो गई। सावेज के पैर और शरीर के विभिन्न अंगो पर चोट है। जिसका इलाज जारी है।
बिजली कर्मियों पर 50 हजार रुपये मांगने का आरोप
मृतक के पिता रफीक की माने तो बाइक ट्रांसफार्मर से टकराने पर कुछ बिजलीकर्मी 50 हजार रुपये की मांग कर रहे थे। बिजली कर्मियों ने रुपये न देने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी थी। बिजली कर्मियों के व्यवहार से नाराज परिजन व अन्य लोग पोस्टमार्टम के बाद शव मंगलवार को बलराम नगर सबस्टेशन पर लेकर पहुंचे। उन्होंने शव सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। परिजनों ने बिजली निगम पर लापरवाही व रुपये मांगने का आरोप लगाते हुए विरोध प्रकट किया। जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने लोगों को समझाकर शांत किया। एसीपी सूर्यबली मौर्या ने बिजली निगम के अधिकारियों से बात की। जब बिजली निगम अधिकारियों ने रुपये न देने और कानूनी कार्रवाई न करने की बात कही तो परिजनों ने शव सड़क से हटाकर विरोध प्रदर्शन खत्म कर दिया।
बेटे का सपना किया पूरा भर गए आंखों में आंसू
बिजली निगम के खिलाफ विरोध प्रकट करते मृतक के पिता की आंखों में गुस्से के साथ अफसोस छलक रहा था। उनका कहना था कि यदि पता होता कि बेटे की बाइक खरीदने की जिद उन्हें यह दिन दिखाएगी तो कभी बेटे को बाइक न दिलाते।